कोई कर्मचारी आठ साल से नदारद है, तो कोई सालभर से

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  •  बस्तर में स्वास्थ्य विभाग की अजब गजब कहानी
  • अब जाकर ड्यूटी पर हाजिर होने के लिए भेजे नोटिस =

अर्जुन झा

जगदलपुर अपना बस्तर भी अजब गजब मुख्य है। यहां के सरकारी महकमों के मुलाजिम अपनी मर्जी के मालिक हैं। ज्यादातर सरकार कर्मचारी ग्राउंड पर जाकर सेवा देने से बचते नजर आते हैं। यहां कागजों पर ही सारा खेल हो जाता है। शिक्षा विभाग को छोड़ दें, तो अमूमन सभी विभागों में कागजी घोड़े दौड़ते नजर आते हैं। अब बस्तर के स्वास्थ्य विभाग को ही देख लीजिए, जहां के एक कर्मचारी सालभर से और दो कर्मचारी आठ साल से ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं। इन कर्मचारियों के हिस्से की तनख्वाह कौन हजम कर रहा है, यह जांच का विषय है।

अलगअलग जगहों पर पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के तीन कर्मचारी इतने लंबे अरसे से नदारद हैं और विभाग के आला अधिकारियों को भनक तक नहीं लग पाई, यह बड़ी हैरानी वाली बात है। अब जाकर विभाग के अफसर जागे हैं और उन्होंने तीनों नदारद कर्मचारियों को फौरन ड्यूटी ज्वाइन करने का फरमान जारी किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जगदलपुर द्वारा विभाग के अधीनस्थ स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कर्मचारियों शिव कुमार देहारी, पुरूषोत्तम साहू एवं मोहन कश्यप को पांच दिनों के भीतर आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर तीनों कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार सेवा समाप्ति की कार्रवाई करने की वार्निंग दी गई है। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार बस्तर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तोकापाल का वार्ड ब्वाॅय शिव कुमार देहारी 18 जनवरी 2024 से ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र सिलकझोड़ी बास्तानार का आरएचओ पुरूषोत्तम साहू 4 मार्च 2017 से और उप स्वास्थ्य केन्द्र बेड़ा उमरगांव बकावंड का आरएचओ मोहन कश्यप 17 मई 2017 से ड्यूटी से गायब हैं। उन्होंने ड्यूटी पर न आने के बारे में अपने अधिकारियों को कोई सूचना भी नहीं दी है। आखिर एक साल और आठ साल बीतने के बाद आला अधिकारी अचानक कैसे जाग उठे? यह सवाल तो बनता ही है।