प्रदेश सरकार जब विशेष संरक्षित और राष्ट्रपति की दत्तक पुत्र पंडो जनजाति के आदिवासियों तक की सुरक्षा नहीं कर पा रही है, तो शेष आदिवासियों पर हो रहे ज़ुल्म-ओ-सितम को क्या खाक रोक पा रही होगी?
पूर्व मंत्री कश्यप का तीखा हमला- कांग्रेस ने घटना की निंदा और सरकार को ताक़ीद करने के बजाय एक हफ्ते के बाद वीडियो वायरल होने पर सवाल उठाकर अपने आदिवासी विरोधी चरित्र का परिचय दिया
कांग्रेस चक्काजाम करके पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग करके घड़ियाली आँसू बहा रही, जब प्रदेश के सर्वाधिक आदिवासी विधायक व मंत्री कांग्रेस के हैं तो वे इस विषय पर क्यों कुछ नहीं बोलते?
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने सरगुजा संभाग के बलरामपुर में महज़ मछली चोरी करने आरोप में सरपंच पति व उनके आदमियों द्वारा पंडो जनजाति के 08 आदिवासियों को पेड़ से लिपटाकर लाठियों से निर्ममतापूर्वक मारने-पीटने की वारदात को कांग्रेस की प्रदेश सरकार के ढाई साल के कार्यकाल की कलंकपूर्ण घटना बताया है। कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार के इन ढाई वर्षों में बस्तर से लेकर बलरामपुर तक आदिवासी प्रताड़ित किए जा रहे हैं, राजनीतिक संरक्षण ने दबंगई करने वालों का दुस्साहस इतना बढ़ा दिया है कि अब वे सरेआम क़ानून को अपने हाथों में लेने से भी नहीं हिचक रहे हैं। इन दबंगों का आतंक इतना बढ़ा हुआ है कि पाँच दिन बाद इस घटना पर एफ़आईआर और आरोपियों की गिरफ़्तारी की जा सकी है।
पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बलरामपुर ज़िले में अब नक्सलियों की तर्ज़ पर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त दबंगों ने भरी भीड़ में ग्रामीणों को न केवल प्रताड़ित कर मारना-पीटना शुरू किया है, अपितु वे यह भी धमकी देने लगे हैं कि अगर पुलिस के पास गए तो इससे भी बुरा हाल करेंगे। कश्यप ने कहा कि आदिवासियों के संरक्षण और विकास के नाम पर सियासी लफ़्फ़ाजियाँ करती प्रदेश सरकार जब विशेष संरक्षित और राष्ट्रपति की दत्तक पुत्र पंडो जनजाति के आदिवासियों तक की सुरक्षा नहीं कर पा रही है, तो प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे आदिवासियों पर हो रहे ज़ुल्म-ओ-सितम को यह सरकार क्या खाक रोक पा रही होगी? श्री कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने इस घटना की निंदा करने और अपनी प्रदेश सरकार को ऐसी घटनाओं के लिए ताक़ीद करने के बजाय अपने ट्वीट में एक हफ्ते के बाद वीडियो वायरल होने पर सवाल उठाकर अपने आदिवासी विरोधी चरित्र का परिचय देने में ज़रा भी शर्म महसूस नहीं की। हालाँकि बाद में जनाक्रोश और भाजपा के तेवर के चलते कांग्रेस के बैकफूट पर आना और माफ़ी मांगना पड़ा। अब कांग्रेस चक्काजाम करके पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग करके घड़ियाली आँसू बहाकर नौटंकी कर रही है। कश्यप ने सवाल किया कि जब प्रदेश के सर्वाधिक आदिवासी विधायक व मंत्री कांग्रेस के हैं तो आदिवासी क्षेत्रों के कांग्रेस विधायक व मंत्री इस विषय पर क्यों कुछ नहीं बोलते? कांग्रेस की इस प्रदेश सरकार के शासनकाल में पंडो आदिवासियों की ज़मीन हड़पने के विवाद से लेकर आदिवासी समुदाय के पुरुषों व बच्चियों से लेकर महिलाओं के साथ अन्याय, अत्याचार, अपहरण, मानव-तस्करी, दुष्कर्म जैसी दरिंदगी का जैसा सिलसिला चला है, वह कांग्रेस के घोर आदिवासी विरोधी होने साक्षात प्रमाण है।