छत्तीसगढ़ की परंपरा को निभाते हुए लौह नगरी में भी धूमधाम से किया गया पुतरा – पुतरी का विवाह

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बैंड बाजे के साथ निकली गुड्डे की बारात

किरंदुल के श्रृंगारपुर कैम्प में हुआ शादी समारोह

किरंदुल – लौह नगरी किरंदुल के श्रृंगारपुर कैम्प में अक्ति त्यौहार के पावन अवसर पर गुड्डा संग गुड़िया का विवाह पूरे विधि विधान के साथ संपन्न हुआ। सर्वप्रथम किरंदुल पालिका की वार्ड नं 15 की पार्षद ईला पटेल के निवास से गुड्डे की बारात बैंड बाजे के साथ निकाली गई। वधु पक्ष के दरवाजे पर गुड़िया के घर वालों ने बारातियों का स्वागत किया। तत्पश्चात सात फेरों के साथ गुड्डे संग गुड़िया का विवाह संपन्न हुआ। विदित हो कि अक्षय तृतीया या आख तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं उनका अक्षय फल मिलता है ।उल्लेखनीय है कि अक्ति त्यौहार को पुतरा पुतरी की भी शादी करवाने की परंपरा है ।दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य में मंगलवार को गांव से लेकर शहर तक अक्ति पर्व का रंग दिखाई दे रहा है । मांगलिक कार्यों के अलावा किसान भाइयों के द्वारा अक्ति त्यौहार को माटी पूजन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। महामाया मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने पहले अक्ति त्यौहार की मान्यता को लेकर बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में किसान अपने भरण पोषण और जीवन यापन के लिए अन्न को केवल वस्तु नही मानते बल्कि अन्न माता के रूप में उसकी पूजा अर्चना करते हैं । किरंदुल नगरी में रात भर चली गुड्डे संग गुड़िया की शादी में पार्षद ईला पटेल, रामादिन पटेल, शिव कुमार बारले,भास्कर भारती, रमेश देशमुख सहित श्रृंगारपुर कैम्प के सभी रहवासी उपस्थित रहे ।