साल बीज खरीदी में घपला, बड़े अधिकारियों को बचाने बड़ा खेल

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  • वनोपज खरीदी में धांधली मामले में प्रबंधक को बनाया बलि का बकरा
  • बनियागांव समिति में साल बीज खरीदी के नाम पर फर्जीवाड़ा

अर्जुन झा

जगदलपुर वनोपज खरीदी की आड़ में लाखों रूपयों की घपलेबाजी के मामले में दो जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के लिए वन विभाग में बड़ा खेल हुआ है। अकेले बनियागांव वनोपज समिति के प्रबंधक को इस मामले में कसूरवार ठहराते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया है, मगर जिन अधिकारियों ने इस बड़ी गड़बड़ी को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है, उन पर आंच तक नहीं आने दी गई।जगदलपुर वन वृत्त के भानपुरी रेंज अंतर्गत बनिया गांव वनोपज समिति में वर्ष 2021 के दौरान साल बीज की खरीदी ही नहीं की गई और विभागीय दस्तावेजों में फर्जी खरीदी दर्शाकर 50 लाख रु. की अफरा तफरी कर दी गई। इस रकम की बंदरबांट पोषक अधिकारी, जिला वनोपज सहकारी यूनियन के प्रबंध संचालक तथा अन्य अधिकारियों ने कर ली। जब मामला उजागर हो गया तब अधिकारियों ने रिकवरी से बचने और अपनी खाल बचाने के लिए एक व्यापारी द्वारा कोल्ड स्टोरेज में 2021 में रखवाए गए साल बीज को अधिकारियों ने वर्ष 2022 – 23 में समिति के माध्यम से क्रय कर भंडारित किया जाना दर्शा दिया। इसी लाट से साल बीज की कुछ मात्रा को बेचकर उसके एवज में प्राप्त रकम को प्रबंधक से वसूली गई रकम बताकर राजधानी के वरिष्ठ अफसरों की नजर में खुद को पाक साफ साबित करने का खेल खेला है। इस मामले में कोल्ड स्टोरेज के प्रबंधक का भी अहम रोल है। बनियागांव वनोपज समिति के प्रबंधक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई 4 माह पहले ही की जा चुकी है, लेकिन इस घालमेल में बराबर की भूमिका निभाने वाले दो पोषक अधिकारियों पर विभाग मेहरबान बना हुआ है। जगदलपुर वनवृत्त के अधिकारी मामले की जांच कर रहे अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश 2 माह पूर्व ही दे चुके हैं। फिर भी पोषक अधिकारियों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। इससे जाहिर होता है कि पोषक अधिकारियों पर बड़े अफसर पूरी तरह से मेहरबान हैं। वर्ष 2022-23 में बनियागांव समिति द्वारा साल बीज खरीदी का जो आंकड़ा राजधानी भेजा गया है, वह पूरी तरह से झूठा है। कोल्ड स्टोरेज में व्यापारी द्वारा वर्ष 2021 में रखे गये सालबीज को वर्ष 2022-23 में भंडारित करने की झूठी जानकारी भेजी गई है। उक्त मामले में कोल्ड स्टोरेज प्रबंधक की भूमिका भी संदिग्ध है, जिसने विभागीय अधिकारियों के दबाव में साल बीज के 2022 से भंडारित रहने की झूठी जानकारी वन विभाग को दी है। बनियागांव समिति द्वारा काजू एवं सालबीज खरीदी में अनियमितता का मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंच चुका है। वहीं विभाग के अधिकारी जांच व कार्रवाई के संबंध में गोलमोल जवाब देते हुए प्रबंध संचालक बस्तर जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित को बचाने में जुटे हैं। चर्चा है कि प्रबंध संचालक के इशारे पर ही सारा खेल खेला गया है और ठीकरा अकेले वनोपज समिति प्रबंधक पर फोड़ दिया गया है। मामले की निष्पक्ष और बारीकी से जांच कराई जाएगी, तो समिति प्रबंधक, दो पोषक अधिकारी, वन मंडलाधिकारी, कोल्ड स्टोरेज मैनेजर और कुछ अन्य अधिकारियों की भी संलिप्तता उजागर हो जाएगी।लेकिन विभाग ने अपने अधिकारियों को बचाने के लिए प्रबंधक को बलि का बकरा बना दिया है। बनियागांव वनोपज समिति के बर्खास्त प्रबंधक ने मुख्यमंत्री की जन चौपाल में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर एकपक्षीय कार्रवाई की गई है।

एफआईआर के लिए पत्र लिखा, पेपर नहीं दिए

जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित बस्तर के डिप्टी एमडी ने बताया कि समिति प्रबंधक द्वारा शासकी राशि के गबन के मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए भानपुरी के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी को आवेदन दिया गया है। और मामले से जुड़े सभी दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध करा दिए गए हैं।वहीं एसडीओपी का कहना है कि वन विभाग की ओर से आवेदन तो प्राप्त हुआ है, लेकिन विभाग द्वारा जांच से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण प्रबंधक के खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

वन संरक्षक के आदेश की अवहेलना

जगदलपुर वनवृत्त के वन संरक्षक द्वारा भानपुरी रेंज के दो पोषक अधिकारियों (डिप्टी रेंजर) के खिलाफ विभाग के एसडीओ को कार्रवाई करने की प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया गया था। वन संरक्षक के आदेश पर अब तक अमल नहीं नहीं किया गया है। एसडीओ के माध्यम से कार्रवाई की फाईल डीएफओ के हस्ताक्षर से मुख्य वन संरक्षक तक भेजी जानी थी। अब तक फाईल एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पाई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उच्चाधिकारी के आदेशों का कितना पालन होता है? दोनों पोषक अधिकारियों की भूमिका की जांच हुई तो कई और बड़े चेहरे किया जा रहा है।