संसद में सोते नहीं रहते तो आज कान दांव पर लगाना नहीं पड़ता पूर्व सांसद दिनेश कश्यप को-जावेद खान
सबसे पहले खुद का लाखों का कर्जा माफी कराने वाले पूर्व सांसद दिनेश कश्यप बरसाती मेंढक की तरह टर-टराना करें बंद-जावेद खान
बस्तर सांसद दीपक बैज से लें प्रेरणा दिनेश कश्यप संसद में सोने की नहीं बस्तर की आवाज बनने की थी उन्हें जरूरत-जावेद खान
युवा कांग्रेस के प्रदेश संयुक्त सचिव बीजापुर जिला प्रभारी जावेद खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप को जमकर लथेडा है, जावेद ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि बरसात के आते ही बस्तर में सक्रिय हो गए हैं भाजपा के बरसाती मेंढक जिनमें से एक हैं पूर्व सांसद दिनेश कश्यप जिन्हें कुछ नहीं मिला दांव पर लगाने के लिए तो उन्होंने अपने कान दांव पर लगा दी है वैसे कान ही बचा है उनके पास दांव पर लगाने के लिए क्योंकि पिछले चुनाव में ही उनकी कट चुकी है हमारी सहानुभूति है दिनेश कश्यप जी से सत्ता जाने का गम उनसे भुलाए ना भूलाया जा रहा है और प्रदेश एवं खासकर बस्तर में हो रहे विकास कार्य जैसे मानो उन्हें चुभने लगे हैं और चुभे भी क्यों ना बस्तर की जनता ने उन्हें और उनके भाजपा परिवार को बस्तर का विकास करने के लिए एक लंबा अवसर दिया परंतु कश्यप परिवार एवं भाजपा ने हमेशा से बस्तर को चारागाह के रूप से ही देखा और अपने केंद्र के भाजपाई मित्रों को बस्तर को चारागाह के रूप में उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया, स्वयं को आदिवासी नेता स्वयं को आदिवासी हितैषी बताने वाले कश्यप परिवार ने केवल आदिवासियों का शोषण कियाऔर बस्तर को बारूद के ढेर में ढकेल दिया,जब भी यह सत्ता में आए जब भी जनता ने इन्हें अवसर दिया यह हवा में उड़ने लगे इनके पैर कभी जमीन पर टिकते नहीं थे, महीने के 25 दिन रायपुर और दिल्ली में बिताते थे 5 दिन के लिए बस्तर घूमने आते थे, इनकी इन्हीं नाकामियों और बस्तर को लूटने की शैली को देखते हुए जनता ने इनका बस्तर में सूपड़ा साफ कर दिया ना दिनेश कश्यप अपनी टिकट बचा पाए ना इनके भाई केदार कश्यप अपनी सीट बचा पाए आज जब कांग्रेस की सरकार में प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा बस्तर को जो प्यार दुलार और प्राथमिकता दी जा रही है उससे भयभीत होकर और हताश होकर इस तरह की बयान बाजी पूर्व सांसद दिनेश कश्यप जी के द्वारा किए जा रहे हैं।
कहीं ना कहीं सत्ता की दूरी उन्हें रात भर सोने नहीं दे रही और बारिश के दिनों में बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता का भोग ना कर पाने की पीड़ा बरसाती मेंढक की तरह भाजपा के नेताओं के दिल पर लगातार प्रहार कर रही है जिसकी वजह से आज कल बरसात के समय में भाजपा के बरसाती मेंढक सक्रिय हो गए हैं और आधारहीन बयान बाजी कर अपनी हताशा और निराशा को प्रकट कर रहे हैं।और इनकी हताशा और निराशा आज बस्तर की फिजाओं में बरसाती मेंढकों की टर-टराहट से गूँज रही है, ज़नता भी अब इनकी हताशा निराशा पर खुलकर मजे ले रही है।क्योंकि इससे ज्यादा कुछ करने के लिए इनके पास अब बचा नहीं है। आज बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप को बस्तर के वर्तमान युवा सांसद दीपक बैज से सीख लेनी चाहिए उन्हें सीखना चाहिए के एक सांसद को किस तरह से कार्य करना चाहिए क्षेत्र में हवा में नहीं क्षेत्र के लोगों के दिलों में राज करने की प्रेरणा लेनी चाहिए, संसद में सोने की नहीं बस्तर की आवाज बन कर उभरने की प्रेरणा लेनी चाहिए।