73 हजार हेक्टेयर पर फसल परिवर्तन करने वाले किसानों को सरकार देगी प्रोत्साहन राशि

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लक्ष्य निर्धारित, कृषि विभाग पूरा करने में जुटा

जगदलपुर – बस्तर संभाग में वर्ष 2020 में 2 लाख 33 हजार 921 हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस वर्ष राज्य शासन बस्तर अंचल में 73 हजार 753 हेक्टेयर भूमि पर फसल परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित रखा है। धान के बदले कोदो,कुटकी, गन्ना, अरहर, मका, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगधित धान एवं अन्य फसल के उत्पादन करने वाले राज्य सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रत्येक किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार आदान सहायता राशि देगी। फसल परिवर्तन के मिले लक्ष्य को पूरा करने में कृषि विभाग के अधिकारी जुट गये है। फसल पविर्तन के कारण गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक लाख 60 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसी लक्ष्य के आधार पर समर्थन मूल्य पर किसानों की धान खरीदी की जायेगी। ऐसा अधिकारियों का राज्य सरकार धान के उत्पादन के साथ-साथ दलाहन, तिलहन सहित अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने को लेकर किसानों को प्रेरित कररने में जुटी है। इसके लिए शासन को बकायदा फसल परिवर्तन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार प्रोत्साहन राशि भी देने की घोषणा कर चुकी है।

कृषि विभाग के कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर अंचल में इस वर्ष खरीफ सीजन में 73 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर धान के बदले अन्य फसला का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें सर्वाधिक फसल परिवर्तन का लक्ष्य कोण्डागांव जिले में 18 हजार हेक्टेयर से अधिक है। बताया जा रहा है वहां लगभग लक्ष्य के करीब फसल परिवर्तन कराने में कृषि विभाग भी कारगर साबित हो रहा है।

कहां कितनी भूमि पर फसल परिवर्तन का लक्ष्यः

कृषि विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 73753 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ सीजन वर्ष में फसल परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें बस्तर जिले में 14438 हेक्टेयर, कोण्डागांव 18 हजार 890 हेक्टेयर, नारायणपुर 7 हजार हेक्टेयर, दंतेवाड़ा १ हजार हेक्टेयर, सुकमा 10 हजार हेक्टेयर, बीजापुर में 6 हजार 2 सौ हेक्टेयर तो ककिर जिले में सर्वाधिक धान उत्पादन किया जाता है वहां 7 हजार 8 सी हेक्टेयर भूमि पर फसल परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

समर्थन मूल्य की मांग:

क्षेत्र के कई किसानों फसल परिवर्तन को अच्छा बताया लेकिन उन फसलों के लिए सही बाजार नहीं होने के कारण किसान रुचि नहीं दिखा रहे है। कुछ किसानों ने यह कहा कि प्रोत्साहन राशि के साथसाथ दलहन, तिलहन एवं अन्य उपज का धान की तरह समर्थन मूल्य निर्धारित होने पर किसान बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। शासन द्वारा फसल परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित तो कर दिया गया है लेकिन कृषि विभाग को इस लक्ष्य तक पहुंचने काफी मशकत करनी पड़ रही है। कोण्डागांव जिला जो 70 प्रतिशत लक्ष्य पूर्णता की ओर है तो वहीं अन्य जिला 25 से 30 फिसदी तक नहीं पहुंच सका है। ऐसे में फसल परिवर्तन की योजना कितनी सार्थक होगी वह आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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दलहन तिलहन उत्पादन से किसानों को मिलेगा लाभ: कृषि विभाग

कृषि विभाग संयुक्त संचालक एमएल ध्रुव ने बताया कि सरकार किसानों को धान के साथ-साथ अन्य फसल उत्पादन करने को लेकर प्रोत्साहित कर रही है। सभी जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों को फसल परिवर्तनको लेकर दिये गये लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया जा चुका है। विभाग के अधिकारी किसानों को फसल परिवर्तन से फायदा बताने के अलावा अन्य फसल लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है |

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