उड़नखटोले में उड़ने वाले उड़ गए, हम जमीन के लोग जमीनी विकास में लगे हैं – लखमा, उद्योग मंत्री ने दिखाया भाजपा को आइना

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जगदलपुर । पिछले प्रवास में 6 जिलों का दौरा कर प्रशासन, कांग्रेस कमेटी, विधायकों, सांसद से राहुल गांधी के प्रवास को लेकर चर्चा कर तैयारियों की पूरी योजना बनाई गई है। लेकिन सभी जगह हो रही भारी बारिश के चलते फिलहाल उनका आना अभी तय नहीं है लेकिन वे जरूर आएंगे। नेहरू गांधी परिवार का बस्तर के प्रति आत्मीय लगाव है। वे जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और अबुझमाड़ कहीं भी जा सकते हैं। 15 साल में रमन सरकार के मंत्री सुकमा, बीजापुर जाने के लिए हेलीकॉफ्टर का इंतजार करते थे। आज हमारे मंत्री और नेता सड़क मार्ग से हर जगह पहुंच रहे हैं। आबकारी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने मंगलवार को सर्किट हाऊस में पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही।


पूर्व मंत्री केदार कश्यप के एक बयान कि राहुल गांधी पिकनिक मनाने आ रहे हैं, पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि वे शिक्षा मंत्री रहे लेकिन सलवा जुडूम के बाद अंदरूनी इलाकों की शिक्षण संस्थाओं की हालत बदतर हो गई। भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद जगरगुंडा जैसे क्षेत्र में स्कूल, आश्रम खोले गए। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में जहां शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई थी, उसे पटरी पर लाया गया। 15 साल में सोसायटी, तहसील, स्कूल, आश्रम के लिए लोग तरसते रहे, जिसे वे खुलवा नहीं सके और अब अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। मंत्री श्री लखमा ने यहां तक कह दिया कि हमने जगरगुंडा, तोंगपाल, कोहकामेटा, छोटे डोंगर, गादीरास जैसी जगह को तहसील बना दिया और केदार कश्यप अपनी भानपुरी को तहसील नहीं बना सके। चप्पल, टिफिन और मोबाइल बांटकर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करने वाले आज बड़ी-बड़ी बात कर रहे हैं। मोबाइल का करोड़ों रुपये हमारी सरकार को पटाना पड़ रहा है। लोहण्डीगुड़ा में टाटा के लिए जमीन लेकर कुछ नहीं किया। जिससे वहां के किसान भूमिहीन होकर धान बेचने और बैंक से कर्जा लेने के लिए तरस रहे हैं। हमने जो वादा किया था, उसे पूरा कर राहुल गांधी के हाथों पट्टा वापस कराया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोबर खरीदी योजना, गोठान निर्माण, पपीता और कॉफी की पैदावार से गरीबों का भला हो रहा है। तेन्दूपत्ता की दर 4000 करने से आदिवासी संग्राहकों को फायदा मिल रहा है। हिन्दुस्तान में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ऐसी पहली सरकार है, जिसने वन्य क्षेत्र के लोगों को इतनी बड़ी राहत दी है। कोरोना काल में बीएसपी, बालको और जिंदल प्लांट से ऑक्सीजन दिल्ली, मुंबई, गुजरात, यूपी और कर्नाटक तक हमने भेजी। छत्तीसगढ़ में कोरोना से लड़ाई जीतने में भूपेश बघेल सरकार पहले नंबर पर रही। सब जगह परेशानी हुई लेकिन छत्तीसगढ़ में लोगों को समय पर चिकित्सा सुविधा मिली। यह सब केदार कश्यप को नहीं दिख रहा है। हम राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास को दिखाएंगे। कवासी लखमा ने कहा कि राजनाथ सिंह और रमन सिंह सुकमा आए थे, उस दिन भाजपा नेता धनीराम के भाई का विवाह था। सुकमा से 7 किमी दूर झापरा जाने में केदार कश्यप, महेश गागड़ा और दिनेश कश्यप को डर लग रहा था। मैं जब वहां पहुंचा तो पता चला कि ये लोग डरकर वापस लौट गए हैं। राष्ट्रीय पर्व पर हमारे संसदीय सचिव रेखचंद जैन और चंद्रदेव राय कार से सुकमा पहुंचे थे। जबकि रमन सरकार के समय ये लोग हेलीकॉफ्टर से सुकमा और बीजापुर पहुंचते थे। श्री लखमा ने कहा कि देवगुड़ी निर्माण के लिए रमन सरकार के समय सिर्फ 20 हजार मिलता था, इस रकम से कुछ नहीं होता था। हमारे मुख्यमंत्री ने देवगुड़ी का 5 लाख और घोटूल का 10 लाख दिया। इससे गांव-गांव में सुविधायुक्त देव स्थान बन रहे हैं। यही नहीं भूपेश बघेल ने हर समाज को जमीन देने का काम किया। जिसका हर वर्ग को फायदा मिल रहा है। अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए श्री लखमा ने कहा कि दंतेवाड़ा के कारखाना में बनाया जा रहा कपड़ा महानगर बैंगलुरू जैसी जगह जा रहा है। वहीं कुपोषण दूर करने अंडा और पौष्टिक आहार मिल रहा है। इन सब उपलब्धियों से भाजपा नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि 65 सीट का दावा करने वाले 15 तक सिमट गए हैं। झुठ बोलना भाजपा नेताओं के स्वभाव में है। मैंने 12 में पहले 8 सीट और बाद में 8 से 12 सीट होने की बात कही थी, जो सच साबित हुई। अभी भी मेरा दावा है 2023 में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनेगी और केंद्र में सोनिया, राहुल गांधी अन्य दलों के गठबंधन से सरकार बनाएंगे। असल में डीजल रेट बढ़ने, रेलवे, हवाई अड्डे बेचने वाले ये लोग जनता का ध्यान बंटाने के लिए धर्मांतरण जैसे विषयों को उठा रहे हैं। जहां भी जबरन धर्मांतरण हो रहा है, उसकी जानकारी दें। सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी। एड़समेटा कांड की रिपोर्ट आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार के पास विषय आया है और आदिवासी के साथ न्याय होगा। मैं पहला आदमी हूं जो एड़समेटा और सारकेगुड़ा गया था। बस्तर के आदिवासियों के हित के लिए हमारी सरकार हर निर्णय ले रही है।