बालोद जिले में आपदा प्रबंधन समिति गठित

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बालोद – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा संचालित योजना के तहत छ0ग0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोद के अध्यक्ष श्री के0 विनोद कुजूर के मार्गदर्शन में गठित ” आपदा प्रबंधन समिति बालोद ” की बैठक , दिनांक 20.07.2020 को जिला न्यायालय बालोद में हुई। यह बैठक कोविङ-19 के संक्रमण के रोकथाम हेतु . जारी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए. संपन्न हुई। बैठक में इस समिति के अध्यक्ष श्री मनोज सिंह ठाकुर , प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालोद व सदस्यगण डाक्टर प्रदीप जैन , गैर सरकारी संगठन सोसायटी फार इंटीग्रेटेड रूरल डेव्हलपमेंट बालोद के सदस्य श्री भूपेन्द्र साहू उपस्थित रहे। इस अवसर पर दल्लीराजहरा से विशेष रूप से आमंत्रित श्री जागेन्द्र भारद्वाज भी उपस्थित थे, जो कि साँपो के विषय में विशेष जानकारी रखते हैं। साथ ही अधिवक्ता श्री अनिल योगी भी उपस्थित रहे।
वर्षा ऋतु के मौसम में आने वाली संभावित आपदाओं से कैसे बचाव किया जा सकता है , उसकी पूर्व-तैयारी कैसे की जा सकती है , इन बिंदुओं पर चर्चा की गई एवं कोविङ-19 के संक्रमण के रोकथाम हेतु क्या-क्या आवश्यक कदम , स्थानीय प्रशासन उठा सकती है इन बिंदुओं पर भी चर्चा की गई । इन सब के बारे में स्थानीय प्रशासन को अवगत कराये जाने का निर्णय लिया गया . ताकि संभावित आपदा से जानमाल की क्षति को रोका जा सके।
कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोद के सचिव की ओर से आपदा प्रबंधन समिति बालोद के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए पत्र क्रमांक 468/जि0वि0से0प्रा0/2020 बालोद दिनांक 16.07.2020 प्राप्त हुआ था। इस पत्र के जरिये यह ध्यान आकर्षित कराया गया है कि ” दैनिक समाचार पत्र नई दुनिया एवं दैनिक भास्कर बालोद के संस्करण में दिनांक 16.07.2020 को सर्पदंश से पीड़ित एक महिला एवं एक पुरूष की बालोद में मृत्यु हो जाने का समाचार प्रकाशित हुआ है । प्रकाशित समाचार के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा एवं उन्हें आगे के ईलाज हेतु समय रास्ते में ही उनकी
पर्याप्त एवं उचित उपचार नहीं मिलने की वजह से एवं उन्हे आगे के इला दुर्ग , रिफर कर दिये जाने के कारण , दुर्ग ले जाते समय रास्ते में। मृत्यु हो गई ” । तत्संबंध में उचित कार्यवाही हेतु उक्त पत्र प्रेषित किया । था , जिस पर भी चर्चा हुई । आपदा प्रबंधन समिति के जानकारी में यह लाया गया था कि श्री जागेन्द्र भारद्वाज . सॉपो के बारे में विशेष जानकारी रखते है । अतः तत्संबंध में चर्चा हेतु उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
चर्चा उपरांत आपदा प्रबंधन समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया कि , निम्नांकित बिंदुओं के बारे में स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया जावे , ताकि वे तत्संबंध में यथाउचित आवश्यक कदम शीघ्रतया शीघ्र ही उठावें :

  1. जिला अस्पताल बालोद एवं इस जिले के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में समुचित मात्रा में एंटीवेनम (Antivenom) की उपलब्धता सुनिश्चित रखी जावे तथा किस-किस अस्पताल में एंटीवेनम (Antivenom) उपलब्ध है, इस बारे में प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों तक जानकारी पहुंचाई जावे।
  2. स्थानीय प्रशासन इस बारे में भी विचार कर सकती है कि, क्या सर्पदंश से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिये, जिले के कुछ चयनित प्राइवेट अस्पताल में एंटीवेनम (Antivenom) उपलब्ध कराया जा सकता है। यदि हां, तो इस बारे में भी प्रचार-प्रसार करते हुए लोगो तक जानकारी पहुंचाई जावे।
  3. जैसा कि, दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशन से. यह जानकारी हुई कि दो व्यक्ति को सांप ने काट लिया था, लेकिन जिला अस्पताल बालोद में उनका समुचित ईलाज ना करते हुए, उन्हें दुर्ग ले जाने के लिये रिफर कर दिया गया। जिसके कारण दुर्ग ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई। यह स्थिति तब निर्मित हुई होगी, जब कि अस्पताल में एंटीवेनम (Antivenom) की
    उपलब्धता नही रही होगी, या फिर ईलाज करने वाले डॉक्टर ऐसे प्रकरणों के बारे में समुचित जानकारी या विशेष योग्यता नही रखते होगें। अतः यदि यह स्थिति हो कि सर्पदंश के मामले में ईलाज करने हेतु, जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर समुचित जानकारी या विशेष योग्यता नही रखते हो, तो उन्हें तत्काल ही

इस बारे में विशेष योग्यता या अनुभव रखने वाले चिकित्सक के जरिये प्रशिक्षित किया जावे। इस आपदा प्रबंधन समिति के ध्यान में यह भी लाया गया है कि, शहीद अस्पताल दल्लीराजहरा में पदस्थ डॉ० सायबल जाना, सर्पदंश के मामले में ईलाज हेतु विशेष अनुभव रखते है, अतः यदि स्थानीय प्रशासन को उचित लगता है कि, डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिलवाये जाने हेतु उनसे चर्चा की जानी चाहिये, तो तत्संबंध में वे विचार कर यथा उचित निर्णय ले सकती है।

  1. कोविड-19 के इस संक्रमण काल के दौरान आम लोगों तक, पूर्व की भांति. प्रत्यक्ष रूप से संपर्क कर जागरूकता नही फैलाई जा सकती। इस संक्रमण काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ रहा है एवं साथ ही राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा जारी किये गये गाईड-लाईन का भी पालन आम लोगो को करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में आम लोगो में जागरूकता लाने के लिये, ई-मीडिया, प्रिंट मीडिया व इसी तरह के अन्य माध्यमों से जागरूकता फैलाने का कार्य निम्नलिखित के संबंध में किया जावे :
  2. सांप ने यदि किसी व्यक्ति को काट लिया है, तो उसे तत्काल क्या करना चाहिये, उसे कहां जाना चाहिये।
  3. किसी को जहरीले सांप ने काटा है या बिना जहरीला सांप ने काटा है, इस विषय में काटने के निशान से ही ज्ञात हो जाता है, अतः इस बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लोगो तक जागरूकता फैलाई जावे।
  4. जैसा कि मौसम विशेषज्ञो के द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि इस वर्ष, सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। बालोद जिले में 03 बड़े बांध तांदुला, गोंदली, खरखरा स्थित है तथा साथ ही कुछ छोटे बांध भी है। अतः अत्यधिक बारीश होने पर बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए, प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में जन-जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा हेतु, पूर्व से ही उसके उपाय एवं समुचित व्यवस्था, तत्संबंध में रखी जावे। जैसे कि ड्रेनेज सिस्टम,
    प्रापर रहे, बरसात में होने वाली बिमारियों से बचने के लिये क्या क्या उपाय लोगो को करना चाहिये. इस बारे में जागरूकता फैलाई जावे, रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाया जा सकता है. इसके लिये क्या क्या उपाय किये जा सकते है. इस बारे में प्रचार-प्रसार कर जागरूकता फैलाई जावे।
  5. कोविड-19 के इस संक्रमण काल के दौरान अब देखने में आ रहा है कि, लोगो में गाईड-लाईन का पालन करने के संबंध में, उनकी चेतना में कमी आई है। जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के द्वारा जिस मुस्तैदी से पूर्व में, उक्त संक्रमण के रोकथाम हेतु कार्य किया जा रहा था, उसमें भी कमी आई है। अतः आम लोगो में इस बारे में चेतना जागृत करने हेतु आवश्यक उपाय किया जावे।