भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ के उपाध्यक्ष बनाए गए एम पी सिंग

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दिनांक 29.01.2022 एवं 30.01.2022 को भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध इस्पात क्षेत्र में कार्यरत महासंघ भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ की दो दिवसीय अधिवेशन संपन्न हुई। उक्त अधिवेशन पूर्व में फिजिकल बैठक के रूप में दुर्गापुर में होना प्रस्तावित था किन्तु कोरोना के पुनः बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए उक्त बैठक फिजिकल के बजाय वर्चुअल की गयी जिसमें सेल के विभिन्न इकाईओं में कार्यरत भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध विभिन्न श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उक्त बैठक में इस्पात क्षेत्र से जुड़े नियमित एवं ठेका श्रमिकों के विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए कई प्रस्ताव पारित किये गए और अधिवेशन से पूर्व नई कार्यकारिणी का गठन करते हुए घोषणा की गयी।

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इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए भा.म.सं. से सम्बद्ध खदान मजदूर संघ भिलाई के उपाध्यक्ष राजीव सिंह एवं उप महासचिव लखनलाल चौधरी ने बताया कि दिनांक 29.01.2022 को इस्पात क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजानिक उपक्रम सेल में कार्यरत नियमित एवं ठेका श्रमिकों के समस्याओं पर गहन चर्चा के उपरांत राउरकेला, बोकारो एवं बीएसपी के बंधक खदानों में कार्यरत श्रम संगठनों के तरफ से निम्न प्रस्ताव रखे गए जिन्हे सर्व सम्मत्ति से उपस्थित सदस्यों ने पारित किया –

राउरकेला इकाई के तरफ से हिमांशु बल ने यह प्रस्ताव रखा कि सेल कर्मियों के लिए होने वाले एनजेसीएस के दसवें वेतन समझौते के MOA पर भारतीय मजदूर संघ तब तक अपनी सहमति नहीं देवेगा जबतक कि –

(a) सेल प्रबंधन कर्मियों को 28% पर्क्स देने पर अपनी सहमति प्रदान नहीं करता है।
(b) सेल प्रबंधन कर्मियों को उनके बकाया 39 महीने की एरियर्स राशि भुगतान हेतु सहमत नहीं होता है।
(c) सभी कर्मियों को उनके वास्तविक मूल वेतन का 3% इन्क्रीमेंट देने पर सहमत नहीं होता है।
(d) पर्क्स के मुद्दे पर कर्मचारियों को मिलने वाले विभिन्न सब्सिडी को सेल प्रबंधन द्वारा समाप्त करने की कुत्सित चाल को सेल प्रबंधन वापस लेते हुए उक्त क्लॉज को वापस नहीं लेता है।
(e) ग्रेचुइटी सीलिंग को समाप्त नहीं करता है।

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बोकारो इकाई के द्वारा रखे गए और पारित किये गए प्रस्ताव में केंद्र सरकार के द्वारा सार्वजानिक उपक्रमों के निजीकरण हेतु किये जा रहे प्रयास की आलोचना और विरोध करते हुए यह प्रस्ताव पारित किया गया कि अगर केंद्र सरकार अपने इस प्रयास से बाज नहीं आता है तो केंद्र सरकार के निजीकरण नीति के विरोध में भारतीय मजदूर संघ द्वारा आंदोलन भी किया जावेगा।

खदान मजदूर संघ भिलाई के द्वारा निम्न प्रस्ताव रखे गए –

(1) सेल निगमित कार्यालय द्वारा 29.10.2016 को निगमित कार्यालय में कार्यरत सभी गैर-अधिशासी कर्मियों को 01.01.2012 से बढे हुए नए वेतन के आधार पर मकान किराया भत्ता देना स्वीकृत किया गया और उसका एरियर्स भुगतान भी किया गया। एक तरफ सेल और बीएसपी प्रबंधन यह कहता है कि सेल में यह परंपरा रही है कि सिवाय दैनिक भत्ते के किसी भी अन्य भत्ते का एरियर्स नहीं दिया जाता है और इसलिए खदान कर्मियों को मिलने वाले दासा के एरियर्स से वंचित रखा जा रहा है। अपने प्रस्ताव में खदान मजदूर संघ ने प्रबंधन के इस दोहरे चरित्र और नीति का विरोध करते हुए यह मांग की कि जिस तरह से निगमित कार्यालय ने वर्ष 2016 में निगमित कार्यालय के कर्मियों को मकान किराया भत्ता का एरियर्स दिया है उसी तरह से खदान कर्मियों को भी 01.01.2012 से दासा का एरियर्स भुगतान किया जावे।

(2) 01.01.2014 को हुए 9th वेतन समझौते के बाद सेल कर्मियों को 6% वेरिएबल पर्क्स दिया जा रहा है। वर्तमान दसवें वेतन समझौते के उपरांत सेल प्रबंधन ने अधिकारीयों को मिलने वाले पर्क्स का भी एरियर्स भुगतान देना इस तर्क के साथ स्वीकार किया कि पर्क्स की राशि उसी दिन से मिलती है जिस दिन से पर्क्स की स्वीकृति सम्बंधित मंत्रालय द्वारा किया जाता है। चूँकि अधिकारीयों को पर्क्स 2007 के वेतन समझौते से ही मिल रहा है अतः इस वेतन समझौते के उपरांत वे उस पर्क्स के एरियर्स के हकदार बनते हैं और कर्मियों के लिए पर्क्स की स्वीकृति चूँकि 18.11.2021 से हुई है अतः कर्मियों को पर्क्स का एरियर्स नहीं मिलेगा। यह तर्क देते समय 22.10.2021 को प्रबंधन एवं एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले श्रम संगठन के प्रतिनिधि शायद यह भूल गए कि 6% वेरिएबल पर्क्स सभी सेल कर्मियों को 01.01.2014 से ही मिलना शुरू हो गया था और प्रबंधन के ही तर्क के अनुसार सभी कर्मी भी उक्त 6% वेरिएबल पर्क्स के एरियर्स के हकदार हैं। अतः खदान मजदूर संघ भिलाई के तरफ से यह प्रस्ताव रखा गया कि सभी कर्मियों को पूर्व में मिलने वाले 6% वेरिएबल पर्क्स का एरियर्स राशि का भुगतान तत्काल किया जावे।

(3) जिस तरह से कोल् इंडस्ट्री, एनएमडीसी आदि में ठेका श्रमिकों के हितार्थ सम्बंधित प्रबंधन एवं श्रम संगठनों के बीच चर्चा की जाती है और उसके उपरान्त ठेका श्रमिकों को मिलने वाले लाभों को सुनिश्चित किया जाता है उसी तरह से सेल में भी एनजेसीएस के माध्यम से ठेका श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतनमान, उन्हें मिलने वाले सुविधाओं आदि का निर्धारण किया जावे।

चर्चा उपरांत बैठक में उपस्थित सदस्यों ने उक्त प्रस्ताव को भारत माता की जय के उद्घोषणा के साथ सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

दिनांक 30.01.2022 को भा.म.सं. के राष्ट्रिय महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुए भा.म.सं. के द्वारा भविष्य में तय कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए सभी इकाईओं में संघ को मजबूती प्रदान करने की बात कही। अंत में महासंघ की पुरानी कार्यकारिणी के भंग होने के उपरांत, निर्वाचन अधिकारी के रूप में दायित्व का निर्वहन करते हुए भा.म.सं. के राष्ट्रिय मंत्री सुरेंद्र पांडेय ने महासंघ के नए कार्यकरिणी की घोषणा की। महासंघ के नए कार्यकारिणी में बोलानी खदान श्री कृपाल सिंह को अध्यक्ष पद, रंजय कुमार, बोकारो इकाई को महामंत्री एवं श्री एस.के.पंडा, राउरकेला इकाई को कोषाध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया। भिलाई इस्पात संयंत्र एवं उसके बंधक खदानों से सर्वश्री एम.पी.सिंह, राजहरा खदान एवं देवेंद्र कौशिक, भिलाई को उपाध्यक्ष पद, चिन्ना केशवलू भिलाई एवं पृथ्वी सहगल हिर्री खदान को कार्यसमिति सदस्य के रूप में नामित किया गया। इसके अलावा खदान एवं प्लांट में कार्यरत श्रम संगठनों के महामंत्रिगण सर्वश्री उमेश मिश्रा, नंदिनी खदान, एवं रवि सिंह भिलाई इस महासंघ के कार्यसमिति के पदेन सदस्य रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में भा.म.सं. के राष्ट्रिय मंत्री एवं इस्पात उद्योग प्रभारी डी.के.पांडेय ने महासंघ की अगली बैठक 23-25 अप्रैल 2022 तक विशाखापत्तनम में होने की जानकारी दी। तदुपरांत नव निर्वाचित अध्यक्ष महोदय ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की।