मांझी, महात्मा ज्योतिबा फुले सेवा अवार्ड की मानक उपाधि से नवाजे गए

0
140

जगदलपुर/धमतरी – बुधवार को संत कवि गुरु रविदास की जयंती के उपलक्ष्य में समता साहित्य अकादमी संस्थान द्वारा प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन का राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से लोक साहित्यकार, समाज सेवी, संस्कृति संरक्षण-संवर्धन कार्यकर्त्ता सहित अन्य जन पहुंचे थे.

समाज सेवक सरदार प्रकाश सिंह पाठक व विशिष्ट अतिथि गुरुचरण दास मानिकपुरी के सानिध्य में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को उनके विशेष सामाजिक उत्थान हेतु किये गए साहित्यिक, लोक कला, युवा जागरण जैसे कार्यों व समाज सेवा के लिए राज्य स्तरीय मानक महात्मा ज्योतिबा फुले सेवा श्री उपाधि से नवाजा गया. यह उपाधि संगठन के बस्तर जिले के बड़ांजी निवासी प्रदेश मीडिया प्रभारी रूपेंद्र मांझी को मिली. गौरतलब है कि रूपेंद्र को इससे पूर्व भी वर्ष 2014-15 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह के हाथों समाज गौरव सम्मान से भी नवाजा गया था. इसी क्रम में उक्त कार्यक्रम में बस्तर जिले से वन्य प्राणियों के संरक्षण करने व सर्प मित्र की भूमिका निभाने के लिए प्राइड ऑफ़ छत्तीसगढ़ उपाधि से अनंत भोयर नवाजा गया है. साथ ही साहित्य के क्षेत्र साहित्य रत्न समता की उपाधि से प्रवीण भोयर को नवाजा गया है. इसके अलावा अन्य जनों को भी उपाधि प्राप्त हुई है.

उक्त कार्यक्रम में हल्बा समाज के शिवकुमार पात्र को बाबा साहब डॉ अंबेडकर गौरव अवार्ड, हिरालाल मांझी को क्रांतिवीर गुंडाधूर स्वाभिमान अवार्ड, कृष्णपाल राणा को मौलाना आजाद शिक्षा रत्न अवार्ड, पदुम सिंह राना को बाबा साहब डॉ अंबेडकर गौरव अवार्ड, गोविंद बघेल को बाबा साहब डॉ अंबेडकर गौरव अवार्ड, अरूण कुमार बघेल को माता सावित्री बाई फुले शिक्षा क्रांति अवार्ड, सिवन बघेल को मौलाना आजाद शिक्षा रत्न अवार्ड व गजेन्द्र पुजारी को मदन निषाद कला संस्कृति अवार्ड से नवाजा गया है.

उक्त कार्यक्रम में मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के अलावा बिलासपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता-गण, पशु चिकित्सक व समाज सेवी डॉ. जगन्नाथ बघेल, समता साहित्य अकादमी के प्रांताध्यक्ष जीआर बंजारे ज्वाला, हल्बा समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष शिव कुमार पात्र सहित प्रत्येक जिले के समाज सेवी, उच्च शिक्षा, बाल निशक्त कल्याण, खेल, स्वास्थ्य, बाल वीरता, ग्रामोत्थान, दलितोत्थान, महिला सशक्तिकरण, शैक्षणिक गुणवत्ता विकास, नशाबंदी, साहित्य एवं समाज सेवा से जुड़े लोग शामिल थे.