किरंदुल में म्यूजिकल नाईट 24 को

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जगदलपुर राष्ट्रीय खनिज विकास निगम बीआईओएम कांप्लेक्स किरंदुल द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव म्यूजिकल नाईट का आयोजन 24 मई की रात किरंदुल स्थित फुटबॉल ग्राउंड पर किया जा रहा है। आयोजन में इंडियन आइडल फेम के गायक मोहम्मद दानिश, प्लेबैक सिंगर अंणवेषा दत्ता और मोहम्मद इरफ़ान सुरों की महफिल सजाएंगे। आयोजन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए एनएमडीसी किरंदुल बैलाडीला के अधिकारियों और श्रम यूनियनों के पदाधिकारियों के नेतृत्व वाली विभिन्न कमेटियां बनाई गई हैं।

कांग्रेस नेताओं की शहादत का अपमान !

किरंदुल में एनएमडीसी द्वारा 24 मई की रात्रि आयोजित की जा रही म्यूजिकल नाईट को कांग्रेस के नेताओं की शहादत का अपमान माना जा रहा है। यहां यह बताना लाजिमी है कि 25 मई को झीरम घाटी हत्याकांड को नक्सलियों ने अंजाम दिया था। नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ के अनेक कांग्रेस नेता शहीद हो गए थे। इन शहीद कांग्रेस नेताओं में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा शामिल भी थे। स्व. कर्मा दंतेवाड़ा जिले के निवासी थे और उन्होंने एनएमडीसी के हित में नक्सलियों से सैकड़ो बार लड़ाई लड़ी थी। लेकिन देश की नवरत्न कंपनियों में शुमार एनएमडीसी के अधिकारी बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की शहादत और उनके योगदान को भूलकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बजाय अपने मनोरंजन के लिए रंगारंग संगीत संध्या का आयोजन कर रहे है। 25 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झीरम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए जगदलपुर आने वाले हैं। ऐसे में शहादत की पूर्व संध्या इस तरह के मनोरंजक कार्यक्रम के आयोजन को हरगिज उचित नहीं ठहराया जा सकता।बीजापुर विक्रम मण्डावी (विधायक व उपाध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण 25 मई को झीरम घाटी की बरसी है, इस घटना को लेकर बस्तर सहित प्रदेश के लोगों की संवेदनाएं जुड़ी हुई है । इस बड़ी घटना के बरसी से एक दिन पहले एनएमडीसी द्वारा वृहद स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना बिल्कुल उचित नही है।

संवेदनहीन हो गए हैं अधिकारी : मंडावी

बीजापुर के विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी ने कहा है कि 25 मई को झीरम घाटी के शहीद कांग्रेस नेताओं की बरसी है। इस घटना से बस्तर सहित प्रदेशभर के लोगों की संवेदनाएं जुड़ी हुई हैं। इस बड़ी घटना की बरसी से एक दिन पहले एनएमडीसी द्वारा वृहद स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना बिल्कुल उचित नहीं है। यह शहादत का अपमान है और इस कदम को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मंडावी ने पूछा है कि क्या एनएमडीसी के अधिकारियों की संवेदना मर चुकी है, या फिर वे केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं?