- भाजपाई भी चर्च-मस्जिद जाते हैं, तो क्यों सवाल खड़ा नहीं होता
- प्रधानमंत्री और बस्तर के नेताओं की फोटो को किया सावर्जनिक
जगदलपुर बस्तर सांसद दीपक बैज ने पत्रकारों के सवालों के जवाब पर उल्टे सवाल दागते हुए बीजेपी से पूछा हैं कि उसके भी नेता चर्च मस्जिद जाते हैं, तो क्या वे भी धर्मान्तरण को बढ़ावा देते हैं ? श्री बैज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर वर्ग को लेकर चलती है। जबकि बीजेपी वर्गभेद करती हैं। बस्तर में धर्म विशेष के लोगों का बायकाट कर वे क्या साबित करना चाहते हैं। सांसद दीपक बैज ने प्रधानमंत्री व बस्तर के नेताओं का पोस्टर जारी कर उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया।
जगदलपुर के राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि आम जनता व वरिष्ठ नेताओं के आशीर्वाद से मुझे अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल हुआ, जिसके लिए मैं सबका शुक्रगुजार हूं। हमारा लक्ष्य आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाना है। इसके लिए सभी लोगों को मिलकर काम करना है। श्री बैज ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी में किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस लोकतंत्र पर चलने वाली पार्टी है। पार्टी का एक छोटा सा आम कार्यकर्त्ता और बड़े पदाधिकारी भी चुनाव लड़ने के लिए आवेदन दे सकते हैं। चुनाव कमेटी जीतने योग्य व्यक्ति को प्रत्याशी घोषित करेगी। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को टिकट देने के सवाल पर कहा कि चपरासी हो या कलेक्टर निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद चुनाव समिति टिकट देगी।
मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं नेताम
आदिवासी समाज के अरविंद नेताम से जुड़े सवाल के जवाब में बैज ने कहा कि वे वरिष्ठ हैं। उनके बारे में मैं ज्यादा नहीं कहना चाहता, किंतु ऐसा प्रतीत होता है कि अरविंद नेताम मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। इसीलिए उन्होंने नई पार्टी का गठन किया है। दंतेवाड़ा की विधायक देवती कर्मा के खिलाफ ज्यादा दावेदार सामने आने के सवाल पर दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व इस पर फैसला करेंगा।
ईडी के छापे भाजपा का राजनीतिक एजेंडा
प्रदेश में चल रही ईडी की छापेमारी पर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को अस्थिर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक हथियार के रूप पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने उदाहरण देते हुए कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री के करीबियों के यहां छापे मारे गए थे। अब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो फिर मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए ऐसी चाल चली जा रही है।