जगदलपुर। बस्तर जिले के सट्टा के अवैध कारोबार से जुड़े पट्टी बाजों और सफेदपोश खाईवालों के मंसूबों पर उस वक्त पानी फिर गया,जब कोरोना के कारण सभी मैचों को अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया गया है जिसके कारण करोड़ों रुपए कमाने के सपने में पानी फेर दिया।
इंडियन प्रीमियर लीग के नाम पर खेले जाने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट 20-20 पूरे शबाब पर था और इस खेल के नाम पर सट्टा का अवैध कारोबार बस्तर जिला मुख्यालय में कोने-कोने में सफेदपोश खाईवालों द्वारा संचालित किया जा रहा था।सट्टा के अवैध कारोबार को संचालित करने के लिए पट्टी बाजों को तैनात किया गया था किंतु कोरोना के जकड़न में नामी गिरामी खिलाड़ियों के आ जाने से आईपीएल मैचों को रोक दिया गया।
पुलिस ने पकड़ा सिर्फ एक खाईवाल
जगदलपुर के मुख्य थाना क्षेत्र कोतवाली व बोधघाट थाना क्षेत्र में आईपीएल मैचों के नाम पर लाखों- करोड़ों रुपए का दांव खिलाड़ियों ने लगाया और खाईवालों ने जमकर कमाया किंतु पुलिस को सिर्फ एक व्यक्ति को ही पकड़ने में सफलता हासिल हुई जबकि लाखों रुपए के वारा न्यारा किये जाने की खबर है क्योंकि पुलिस चौक-चौराहों में मुस्तैद है और सट्टेबाजी की भनक नहीं लगे, सिर्फ एक ही खाईवाल को पकड़ने का ढिंढोरा पीटा गया।
विवादों में पुलिस की कार्यप्रणाली
बस्तर जिले में पहली बार यह हुआ है कि नगर दंडाधिकारी ने सट्टा पर हुई कार्रवाई को ग़लत ठहराया जिसके लिए बकायदा नोटिस जारी किया गया किंतु इसका क्या जवाब दिया उसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। दूसरी बात यह है कि एक प्रकरण में सीमा पार जाकर बोधघाट थाना क्षेत्र के रेलवे में कोतवाली पुलिस ने कार्यवाही की जबकि बोधघाट पुलिस देखते रही। यहां तक कहना है कि बोधघाट पुलिस की सटोरियों के साथ अघोषित सांठगांठ किया था।