कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कोरोना टास्क फोर्स समिति की बैठक

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सैय्यद वली आजाद – नारायणपुर 8 अक्टूबर 2020

कोरोना के लक्षण आने पर टेस्ट नहीं कराना जानलेवा साबित हो सकता है

सर्वे के दौरान जिन लोगों में लक्षण हैं उनका टेस्ट अनिवार्य रूप से कराना सुनिश्चित करें-कलेक्टर अभिजीत सिंह

कोरोना संक्रमण के प्रसार श्रृंखला को तोड़ने हेतु समुदाय स्तर पर कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की पहचान के लिए 12 अक्टूबर तक कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। सर्वे दल द्वारा घर-घर पहुँचकर लक्षण वाले मरीजों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। ऐसे लोग जिनमें कोरोना के लक्षण हैं, वे टेस्ट होने एवं रिपोर्ट आने तक घर में ही रहे, कहीं आये-जाए नहीं। लक्षण आने पर टेस्ट नहीं कराना जानलेवा साबित हो सकता है। सर्वे एवं टेस्टिंग में राज्य स्तर में जिले की स्थिति अच्छी है लेकिन सर्वे के दौरान जिन लोगों में लक्षण हैं, उन लोगों का टेस्ट अनिवार्य रूप से कराना सुनिश्चित करें। उक्त बातें कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने आज कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण एवं रोकथाम के लिए गठित जिला स्तरीय कोरोना टास्क फोर्स समिति की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के दौरान कार्यालयों में भी सर्वे करने के निर्देश दिये और कहा कि ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण हैं, वे जानकारी देवंे और अपनी जांच करायें। बैठक में कलेक्टर ने सर्वे किये गए क्षेत्र, घरों की संख्या एवं जांच किये गए लोगों तथा कोरोना लक्षण वाले मरीजो की जानकारी से प्रतिदिन अवगत कराने की बात भी कही। बैठक कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में हुई। बैठक में अनुविभगीय अधिकारी राजस्व दिनेश कुमार नाग, डिप्टी कलेक्टर गौरीशंकर नाग, वैभव क्षेत्रज्ञ सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।


कलेक्टर सिंह ने कहा कि कोविड-19 के बचाव का सबसे अच्छा तरीका सही समय में पहचान और उसका उपचार है, जितना जल्दी उपचार हो जाये उतना बेहतर है। कोरोना के उपचार के लिए जिले में अच्छी व्यवस्था की गई है, राज्य स्तर से कोरोना संक्रमित मरीजों से दूरभाष से सम्पर्क कर व्यवस्था के बारे में पूछा जाने पर मरीजों ने संतोष जाहिर किया है। कोरोना होने के बाद भी आप अपना ईलाज घर में ही होम आइसोलेशन में रहकर करवा सकते हैं। ऐसे लोग जिनके घर में होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है, उनके लिए कोविड केयर सेंटर में निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। अगर इसके लक्षण को छुपाया गया और बाद में स्थिति गम्भीर हो जाने पर यह और भी खतरनाक हो सकता है। कलेक्टर ने कहा है कि लक्षण होने पर आगे आकर बताएं, संकोच या छिपाने का प्रयास न करें। लक्षण वाले मरीजों का एंटीजन किट की रिर्पोट निगेटिव आने पर आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है। लेकिन लोगों में यह भ्रंातियां है कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी दुबारा टेस्ट क्यों किया जाता है। आरटीपीसीआर टेस्ट नाक एवं मंुह (गले) से किया जाता है, जिसकी रिपोर्ट की सत्यता अधिक है, लोग टेस्ट कराने से डरे नहीं।

कलेक्टर अभिजीत सिंह ने संक्रमित मरीजों को खाने-पीने, सफाई व्यवस्था, होम आईसोलेशन में रहने वाले व्यक्तियों की जानकारी ली। होम आईसोलेशन में रह रहे लोगों के घर के बाहर अनिवार्य रूप से स्टीकर चिपकाने की बात कही तथा आसपास के लोगों को भी जानकारी देने कहा। ताकि अनावश्यक रूप से घुमते पाये जाने पर आसपास के लोग इसकी जानकारी जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को दे सकें।