ग्राम पंचायत राजनगर में बेखौफ चल रहा है भ्रष्टाचार का राज

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  •  स्कूल जतन योजना में भी अवैध कमाई का जतन
  • पूरी राशि आहरित करने के बाद भी निर्माण आधे अधूरे

अर्जुन झा

बकावंड विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायत राजनगर -2 में भ्रष्टाचार और मनमानी का राज चल रहा है। विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृत पूरी राशि आहरित कर लेने के बाद भी कार्य आधा अधूरा करने की परंपरा इस ग्राम पंचायत में चल पड़ी है। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में भी सरपंच, सचिव, ठेकेदार और अधिकारी कमाई का जतन कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत राजनगर -2 में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत शाला भवन के अतिरिक्त कक्ष के निर्माण में जमकर अनियमितता बरती गई है। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा ठेकेदार के जरिए कराए गए अतिरिक्त कक्ष के निर्माण में भी गड़बड़ी उजागर हुई है। निर्माण कार्यों में अनियमितता की शिकायत ग्रामीण कई बार कर चुके हैं। कार्रवाई तो दूर की बात, आज तक जांच भी नहीं कराई जा सकी है। अतिरिक्त कक्ष के निर्माण में गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया है। घटिया छड़, रॉड, सीमेंट, बजरी, गिट्टी, ईंट, रेत का इस्तेमाल किया गया है। गारे में सीमेंट कम, रेत की मात्रा ज्यादा रखी गई। दीवारों की मोटाई भी कम रखी गई है। कमरों में क्यूरिंग तक नहीं कराई गई। निर्माण स्थलों पर निर्माण से संबंधित बोर्ड नहीं लगाए गए। ताकि अनियमितता उजागर न होने पाए। अतिरिक्त कक्ष को पूरी तरह बनाए बगैर आनन फानन में फ्लोर की छबाई, दीवारों की पोताई का कार्य करा दिया गया। अतिरिक्त कक्ष की गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया। आज तक काम पूरा नहीं किया जा सका है। जबकि स्वीकृत पूरी रकम निकली जा चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना से खिलवाड़ करने में पंचायत के प्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। इसके कारण ग्रामीणों में सरकार के प्रति गलत संदेश जा रहा है। बकावंड ब्लॉक की ग्राम पंचायत राजनगर- 2 की शासकीय प्राथमिक शाला में भी ऐसा ही खेल चला है। यहां प्राथमिक शाला के अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए वित्त वर्ष 2022- 23 में 13 लाख 94 हजार रु. की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। निर्माण की जिम्मेदारी जिला निर्माण समिति बस्तर को दी गई थी। समिति ने निर्माण का काम ठेकेदार ओंकार गागड़ा के हवाले कर दिया।

शिक्षा विभाग ने भी किया खेला

इसी तरह विकासखंड शिक्षा विभाग ने भी एक अन्य अतिरिक्त कक्ष का निर्माण ठेकेदार से कराया है। कार्य स्थल पर लगाए गए बोर्ड के मुताबिक निर्माण कार्य 14 फरवरी 2023 से शुरू कर 20 अप्रैल 2023 तक पूर्ण करना था। स्वीकृत पूरी राशि तो आहरित कर ली गई है, मगर कई माह गुजर जाने के बाद भी निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है। अतिरिक्त कक्ष का निर्माण पूरी तरह कराए बिना ठेकेदार को कथित रूप से राशि का भुगतान कर दिया गया है। ठेकेदार ने भवन की दीवारों की पानी से तराई नहीं कराई है। छत ढलाई और प्लास्टर का काम भी बड़ी जल्दबाजी में कराकर अनियमितता पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया है।

तंग जगह में भविष्य निर्माण

पुराने शाला भवन में जगह की तंगी हो रही है। वहां पांच कक्षाओं के लिए महज दो कमरे हैं। एकसाथ सभी कक्षाओं में अध्यापन अध्ययन मुश्किल हो रहा है। तंग जगह में कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे एक दूसरे पर लदकर बैठने मजबूर हैं। इस समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत अतिरिक्त कक्ष निर्माण की स्वीकृति मिली है, लेकिन वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। ग्राम पंचायत की यह पहली करतूत नहीं है। स्वयं पंचायत द्वारा और ठेकेदार के माध्यम से कराए गए सभी कार्यों में इसी तरह की भर्राशाही और मनमानी की गई है। इसके खिलाफ ग्रामीण कई दफे शिकायत कर चुके हैं, लेकिन न जाने किसके दबाव में सरपंच, सचिव और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। ठेकेदार ओंकार गागडा ने निर्माण में बरती गई अनियमितता के सवाल का कोई जवाब ही नहीं दिया। खंड शिक्षा अधिकारी ने भी जवाब देने में आनाकानी कर दी।स्कूल भवन नहीं होने के कारण एक ही रूम में पांच कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इस संबंध में भी विकासखंड शिक्षा अधिकारी मिश्रा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।