बड़े बेआबरू होकर मंत्री जी के कूचे से निकले बर्खास्त प्रबंधक

0
45
  • पहुंचे थे बहाली की उम्मीद लेकर, मिल गई फटकार
  • हाईकोर्ट से मिली राहत, बच गए हैं गिरफ्तारी से
  • वनोपज खरीदी के नाम पर 50 लाख से अधिक का गबन
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर वनोपज खरीदी की आड़ में 50 लाख रुपए से अधिक की रकम के गबन के आरोप में बर्खास्त प्रबंधक मंत्रीजी के कूचे पर पहुंचे तो थे बहाली की उम्मीद लेकर। मगर मंत्री ने ऐसी फटकार लगाई कि, उन्हें बेआबरू होकर निकलना पड़ा।
    बस्तर वन मंडल अंतर्गत भानुपरी वन परिक्षेत्र की बनियागांव समिति के प्रबंधक को वनोपज खरीदी के नाम से 50 लाख रू. से अधिक की राशि की गड़बड़ी के आरोप में बर्खास्त किया गया है। पिछले दिनों बर्खास्त प्रबंधक विभागीय मंत्री के निवास पर चरण वंदन और चिरौरी करने पहुंचे थे, मगर मामला उल्टा पड़ गया। मंत्री ने उन्हें जमकर फटकार लगाते हुए मामले की दोबारा जांच कराने की फरमान सुना दिया। मंत्री की फटकार के बाद बर्खास्त प्रबंधक मायूस और बेआबरू होकर लौट गए। आरोप है कि वनोपज समिति बनियागांव के प्रबंधक द्वारा वर्ष 2021-22 में वनोपज खरीदी के नाम पर 50 लाख रू. से भी ज्यादा की रकम की गड़बड़ी की गई थे। इस मामले में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है और वन विभाग द्वारा उनके खिलाफ भानपुरी थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। जांच में गड़बड़ी का आरोप सबित भी हो चुका है। विभाग ने प्रबंधक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई करते हुए भानपुरी थाने में 18 जुलाई 2023 को एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने प्रबंधक के खिलाफ धारा 420, 409 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। भानपुरी पुलिस आरोपी प्रबंधक को गिरफ्तार नहीं कर सकी क्योंकि प्रबंधक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।

    अधिकारियों से मिला है संरक्षण
    खबर तो यह भी है कि इस मामले में अकेले उक्त प्रबंधक ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों की भी इसमें संलिप्तता रही है।कमीशन के खेल में विभाग के अधिकारियों से प्राप्त संरक्षण के दम पर ही कागजों में फर्जी तरीके से वनोपज की खरीदी दर्शाकर लाखों के वारे न्यारे किए गए हैं। 2021- 2022 में बनियागांव समिति द्वारा साल बीज, हर्रा, बहेड़ा, काजू की खरीदी में घालमेल किया गया है। वर्ष 2022 में समिति द्वारा साल बीज की खरीदी ही नहीं की गई थी और शहर के एक कोल्ड स्टोरेज में साल बीज भंडारित करने की झूठी दस्तावेजी जानकारी विभाग को दी गई है। वन विभाग भी अपनी गलतियों पर पर्दा डालने कोल्ड स्टोरेज में पहले से भंडारित साल बीज को विभागीय खरीदी का बताया गया है। वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने राजधानी में बैठे विभागीय उच्च अधिकारियों को झूठी जानकारी देकर गुमराह किया है।

    प्रदेश में सरकार बदलते ही बर्खास्त प्रबंधक अपनी बहाली की उम्मीद लेकर बीते दिनों वन मंत्री के निवास पर मंत्री जी की चरण वंदना करने पहुंचे थे। बर्खास्त प्रबंधक को भरोसा था कि मंत्री जी उन्हें संकट से उबार लेंगे, मगर प्रबंधक को यह दांव उल्टा पड़ गया। मंत्री ने बर्खास्त प्रबंधक को जमकर फटकार लगाते हुए यहां तक कह दिया कि तुमने गरीबों का शोषण किया है, उनके हक पर डाका डाला है, तुम कतई माफी के काबिल नहीं हो। फटकार सुनते ही प्रबंधक उल्टे पांव लौट गए।