एक पेड़ मां के नाम’ पर सेजेस कुसुमकसा में हुआ वृक्षारोपण

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स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी /अंग्रेजी माध्यम विद्यालय कुसुमकसा में जूनियर रेड क्रॉस सोसायटी तथा भारतीय स्काउट गाइड के नेतृत्व में स्लोगन ‘ एक पेड़ मां के नाम’ पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम प्राचार्य श्रीमती सुनीता यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में वृक्षों का इतना अधिक महत्व है कि वृक्ष के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसके महत्व का बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता है। वृक्ष जन्म से लेकर मृत्योपरांत हमारे लिए उपयोग में आता है। लेकिन हम लोगों को भी उसकी महत्ता समझनी होगी वृक्षारोपण करना होगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती मीनाक्षी अग्रवाल उपाध्यक्ष खो खो संघ छत्तीसगढ़ राज्य इकाई तथा अध्यक्ष लायंस क्लब दुर्ग ने कहा कि यदि पूरी धरती को मरुस्थल होने से बचाना है तो वृक्ष लगाना होगा । ‘ एक पेड़ मां के नाम’ के आह्वान से बच्चों का पर्यावरण से जुड़ाव बढ़ेगा। इसमें पलकों को शामिल करने से निश्चित रूप से बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण होगा। उन्होंने कहा कि लायंस क्लब विश्व का सबसे विशाल एनजीओ है ।यह कई अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं। आमतौर पर यह पर्यावरण संरक्षण ,स्कूली किताब उपलब्ध कराने , आपदा राहत में, प्रतिभावान बच्चों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्लेटफॉर्म उपलब्ध जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। बच्चों तथा पालकों को पर्यावरण के प्रति सजग करते हुए पेड़ लगाने की अपील की। विशेष अतिथि प्रोफेसर श्रीमती रुचि सक्सैना सदस्य लायंस क्लब दुर्ग ने कहा एक पेड़ मां के नाम से लगाए। साथ ही उसकी देखभाल में प्रमुखता से सहभागिता निभाएं। विशेष अतिथि आशुतोष माथुर अध्यक्ष खो खो संघ इकाई बालोद ने कहा कि वृक्ष के बिना जीवन संभव नहीं है हमारे जीवन में जितना महत्व वृक्ष का है उतना ही महत्व खेल का भी है।मानव का मानसिक विकास तथा शारीरिक विकास खेल से ही संभव है ।शाला के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ विभिन्न खेल गतिविधियों में भी हिस्सा लेने को प्रेरित किया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री संजय बैस सदस्य जनपद पंचायत डोंड़ी ने कहा कि अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कटाई के जगह रोपाई को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। बढ़ती जनसंख्या के लिए अनाज के खेत की भी आवश्यकता है। हमारी इच्छा शक्ति मजबूत होगी तभी हम बंजार में भी फसल उगा सकते हैं। साथी उन्होंने जैविक खेती करने की भी सलाह दी। विशिष्ट अतिथि श्री सचिन डोंगरे सह सचिव खो खो संघ छत्तीसगढ़ इकाई ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ पौधों का अहम योगदान होता है। जिस तरीके से हम अपनी मां का देखभाल करते हैं ठीक उसी तरह प्रकृति की भी देखभाल करें।

शिक्षिका सुश्री पूजा रात्रि ने पर्यावरण संबंधी सुमधुर गीत गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया। जूनियर रेड क्रॉस प्रभारी तथा कार्यक्रम के संचालक टी एस पारकर ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर एक खास अभियान शुरू किया गया। जिसका नाम ‘ एक पेड़ मां के नाम” है। दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता मां का होता है। हम सबके जीवन में मां का दर्जा सबसे ऊंचा होता है। मां हर दुःख सहकर अपने बच्चों का पालन पोषण करती है। इसी प्रकार हर प्राणियों का पालन पोषण तथा स्नेह वृक्ष भी करता है।इसलिए हर व्यक्ति को मां के साथ या मां के नाम पर एक वृक्ष जरुर लगाना है । ‘ ग्रीन- भारत’ का सपना हमें पूरा करना है।यह कार्य किसी एक व्यक्ति का नहीं है यह हर नागरिक का कर्तव्य है। कार्यक्रम का व्यवस्थापक खेल प्रशिक्षक श्री लक्ष्मण गुरुंग तथा शेष कुमार कोषमा थे। वरिष्ठ व्याख्याता सुश्री गीता गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर नितिन जैन , सरपंच शिवराम सिंदरामें,अनिल सुथार, मनीष जेठवानी तथा व्याख्यातागण एम जॉर्ज, यू त्रिपाठी,आर अवाड़े, रंजना खोबरागड़े ,किरण झा,मांडवी मिश्रा ,सविता स्वर्णकार ,आशा प्रधान ,भारत नायक , सी बी डाहरे जनक साहू ,कृतिका साहू ,दीपमाला जोशी, देहुती कोठारी ,चंद्रकला सक्सेना,डाली मेस्राम , शीतला नायक विजयलक्ष्मी साहू आदि उपस्थित थे।