युक्तियुक्तकरण आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई संयुक्त शिक्षक संघ ने

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  • सेटअप अनुसार करने एवं ऑनलाइन अवकाश आदेश को रद्द करने की मांग

जगदलपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांतीय आह्वान पर जिला शाखा बस्तर द्वारा जिला अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर बस्तर को ज्ञापन सौंपा गया।

संघ के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र तिवारी ने कहा कि युक्तियुक्तकरण से छत्तीसगढ़ की शासकीय शालाओं में शिक्षा का स्तर पूरी तरह से कमजोर हो जाएगा एवं शिक्षक बड़ी संख्या में प्रभावित और परेशान होंगे। युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग के सेटअप, नई शिक्षा नीति एवं शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नहीं किया गया है। नियमानुसार शालाओं में स्वीकृत सेटअप अनुसार ही पद स्थापना होती है। स्कूल शिक्षा विभाग में सभी शालाओं का सेटअप 2008 स्वीकृत एवं प्रभावशील है। लेकिन युक्तियुक्तकरण में सेटअप को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जो कि पूर्णतः नियम विरुद्ध और अनुचित है। प्राथमिक शाला में 60 दर्ज संख्या में प्रधान पाठक सहित दो शिक्षक जबकि 5 कक्षा, प्रति कक्षा में 4 विषय, इस तरह 20 कालखंड होते हैं जो कि दो शिक्षको के लिए संभव ही नहीं है। माध्यमिक शाला में 105 दर्ज संख्या में प्रधान पाठक सहित चार शिक्षक, 6 विषय 18 कालखंड होते हैं। विषय आधारित अध्यापन होता है। जहां सभी विषय विशेषज्ञ होना जरूरी है। यही स्थिति हाई स्कूल, हायर सेकंडरी में भी बन रही है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार की ऑफलाईन, ऑनलाइन जानकारी, बैठक, प्रशिक्षण, सर्वे आदि कार्य किया जाता हैं। इससे निश्चित ही शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। 10 से कम दर्ज संख्या वाली शालाओं को बंद करने या एक ही परिसर की शालाओं को समायोजन करने पर अनुशासन व्यवस्था कमजोर होगी एवं संस्था प्रमुख अतिशेष होंगे। रसोइये व स्वीपर भी हटेंगे। कम दर्ज संख्या वाली शालाओं को बंद करना शिक्षा पर मौलिक अधिकार का हनन होगा। यदि आज दर्ज संख्या कम है तो आगे बड़ भी सकती है। साथ ही पदोन्नती हेतु पद कम हो जाएंगे। इससे शिक्षकों को नुकसान होगा। कनिष्ठ परिक्षावधीन शिक्षक या शिक्षामित्र को छोड़कर वरिष्ठ शिक्षक को अतिशेष करना सर्वथा अनुचित है। ऎसी स्थिति में युक्तियुक्तकरण पूर्ण रूप से विसंगतिपूर्ण और शिक्षा को कमजोर करने वाला, शिक्षकों के अधिकारों को हनन करने वाला है।

इसलिए संघ ने इसका कड़ा विरोध किया है। ज्ञापन में युक्तियुक्तकरण के आदेश पर रोक लगाते हुए व्याख्याता, प्राचार्य सहित सभी लंबित पदोन्नति को पूर्ण करने एवं स्वतंत्र विभागीय स्थानांतरण करने के पश्चात ही युक्तियुक्तकरण 2008 के प्रचलित सेटअप अनुसार किया जाए। कम दर्ज संख्या वाली शालाओं को बंद करने एवं एक ही परिसर की शालाओं का समायोजन करने के नियम को निरस्त करने, जिसपर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र मोदी की गारंटी के अनुसार 57 हजार रिक्त पदों पर शिक्षक भर्ती शुरू करने की मांग की गई है। युक्तियुक्तकरण को मोदी की गारंटी का उलंघन करार दिया गया है। विसंगतियों को दूर करने के बाद अतिशेष होने की स्थिति में जो भी कनिष्ठ शिक्षक हैं, चाहे वे परीक्षावधीन हो या शिक्षामित्र उन्हे अतिशेष किया जाए। वरिष्ठ को अतिशेष करना उसके अधिकार का हनन होगा। ऑनलाइन अवकाश स्वीकृति को तत्काल प्रभाव से बंद कर पूर्व की भांति ऑफलाइन व्यवस्था लागू किया करने की भी मांग की गई है। प्रतिनिधि मंडल में जिला अध्यक्ष शैलेंद्र तिवारी, संभागीय उपाध्यक्ष चैतेंद्र पाणिग्रही धनशय नाग, नीलम शोरी, ब्लॉक अध्यक्ष हतदास शांडिल्य,हरीश देवांगन, संजू दास, गुलशन सेठिया,पदम कश्यप, लोकेश्वर सिंह भारद्वाज, दुर्योधन बैध, टीकम साहू, लखुराम कश्यप, लक्ष्मीनाथ कश्यप, नीरज कुंजाम, मंगल राम बघेल, चिंतेश्वर धुरु, पंचम राम नेगी, पुरुषोत्तम नेताम, जगन बघेल, कृष्णा मौर्य, संदीप बघेल, रविंद्र ठाकुर, सुनील बोबडे, राकेश शर्मा, श्वेता तिवारी, दिलीप शोरी, गोमती बंछोर, बैरन बरवा, जयमाला चौहान, चक्रधर पांडे, सुखराम बघेल, गंगाराम बघेल, धानसिंग बघेल, प्रेमसिंह नायक, श्याम सुंदर बकड़े, यहुत कुमार पटेल, गोवर्धन पटेल, मनीष देव, दयालुराम दीवान, पदम कश्यप सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे