तबादलों पर चौतरफा घिर गए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, कांग्रेस के बाद कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने भी खोला मोर्चा

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  • संघ के पदाधिकारियों को टारगेट करने का आरोप 
  • ट्रांसफर में लेन देन का भी लगाया गंभीर आरोप 

अर्जुन झा

जगदलपुर छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के थोक में तबादले को लेकर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा चौतरफा घिर गए हैं। कांग्रेस तो मंत्री और सरकार पर हमलावर है ही, तबादलों से नाराज कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने भी राजस्व मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने ट्रांसफर में पैसे के भारी लेन देन होने का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले को लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने हाईकोर्ट जाने की बात भी कही हैं। वहीं एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए तहसीलदारों के ताबदले पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए विष्णु देव साय सरकार को घेरा था।

दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर सैकड़ा भर से ज्यादा तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और राजस्व निरीक्षकों का तबादला किया गया था। इन तबादलों से प्रदेश के प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई है। कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणी दुबे का आरोप है कि जो मंत्री बंगले के दर पर नतमस्तक हुए, उन्हें उनकी मनचाही जगह पर पदस्थापना दी गई है। ट्रांसफर पोस्टिंग में किसी प्रकार का क्राइटेरिया नहीं बनाया गया है। किसी का एक वर्ष के अंदर भी स्थानांतरण कर दिया गया है, तो किसी का 3 वर्ष के बाद ही स्थानांतरण कर दिया गया है। दुबे ने पूछा है कि क्या मंत्री यह बताने का कष्ट करेंगे कि किसी भी अधिकारी का 3 वर्ष के बाद ही स्थानांतरण करने का नियम है? उन्होंने कहा है कि तबादले में एक वर्ष, दो वर्ष या किसी भी क्राइटेरिया का पालन ही नहीं किया गया है। पदस्थापना में घोर अनियमितता हुई है।नीलमणी दुबे ने कहा है कि जो अधिकारी 6 महीने बाद रिटायर होने वाला है उसका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। 55 वर्ष का जो व्यक्ति आईसीयू में भर्ती है उनका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। न ही हेल्थ क्राइटेरिया का ध्यान रखा गया है, न ही उम्र का। दुबे ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले 2 साल में यह उनका छठवीं बार तबादला किया गया है। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि तबादलों में जानबूझकर संघ के पदाधिकारियों को टारगेट किया गया है। मैं अध्यक्ष हूं, मेरा ट्रांसफर मोहला-मानपुर कर दिया गया है। संघ का अध्यक्ष होने के नाते मैं लोगों की बातों को रायपुर जाकर रखता हूं। मुझे जानबूझकर मोहला-मानपुर भेज दिया गया है, ताकि मैं किसी भी प्रकार की बातों को लेकर रायपुर न आ सकूं। उन्होंने कहा कि संघ के सक्रिय सदस्य राकेश देवांगन का रायपुर से सुकमा ट्रांसफर कर दिया गया है। संघ के पदाधिकारी गुरुदत्त पंचभाई को दुर्ग में गए एक साल हुआ है, उनका ट्रांसफर बलरामपुर कर दिया गया है। संघ के प्रवक्ता पेखंड टोकरे को सुकमा भेज दिया गया है।

हाईकोर्ट खारिज कर चुका है लिस्ट

अध्यक्ष दुबे ने कहा कि संघ हाईकोर्ट में अपनी बात रखेगा। 3 महीने पहले 150 लोगों की सूची निकली थी। हमारी अपील पर उसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। लोग विधानसभा चुनाव से 2-3 महीने पहले स्थनांतरित हुए थे। जैसे ही सरकार बदली फिर ट्रांसफर कर दिया गया।

पीसीसी चीफ बैज भी हैं खफा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी थोक में हुए इन तबादलों को लेकर सहमत नहीं हैं। तबादला सूची आने के बाद जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने तबादलों पर तल्ख़ तेवर दिखाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार ने ट्रांसफर पोस्टिंग का व्यवसाय शुरू कर दिया है। इस तरह के एकमुश्त तबादलों से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। उन्होंने इन तबादलों पर गंभीर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से स्वतः संज्ञान लेते हुए कदम उठाने का आग्रह किया था।