- दो बछड़ों को मार डाला, दहशत में आए ग्रामीण
–अर्जुन झा–
जगदलपुर करीब माहभर पहले हमने जो अंदेशा जताया था, वह आखिरकार सच हो ही गया। पड़ोसी राज्य तेलंगाना के जंगलों में चहलकदमी कर रहे शेर की एंट्री बस्तर संभाग के सुकमा जिले में हो गई है। इस शेर ने सुकमा जिले के
कोंटा इलाके में न केवल दस्तक दे दी है, बल्कि दो बछ्ड़ों को मार भी डाला है।इलाके में शेर के फुट प्रिंट ट्रेस किए गए हैं। इसे देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। शेर की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है तथा ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।
पिछले दिनों सीमावर्ती प्रदेश तेलंगाना में धूम रहे शेर ने अब सुकमा जिले के कोंटा इलाके में दस्तक दे दी है। इस शेर ने सोमवार सुबह दो मवेशियों पर हमला बोल दिया और उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया। कुछ देर बाद दोनों बछड़ों की मौत हो गई। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शेर के पैरों के निशान देखे और ग्रामीणों के जंगल में जाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही ग्रामीणों को सर्तक रहने की सलाह भी दी गई है। वन विभाग की टीम जंगल में गश्त लगाते हुए निगरानी कर रही है।
सोमवार सुबह कोंटा इलाके के कनईगुड़ा गांव के समीप जंगल में शेर ने गायों के दो बछड़ों पर हमला कर दिया। दोनों बछ्ड़े बुरी तरह घायल हो गए थे और दोनों बछड़ों की मौके पर ही मौत हो गई। उसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैरों के निशान देखे और माप लिया जिससे शेर की मौजूदगी की पुष्टि हो गई है। वही वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सर्तक रहने की सलाह दी और जंगल की और नहीं जाने की बात कही है। इस हमले के बाद इलाके के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया है। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले सीमावर्ती प्रदेश तेलंगाना के जंगलों में शेर की चहलकदमी की सूचना मिली थी। तब इस संवाददाता ने तेलंगाना के जंगलों में विचरण कर रहे शेर के बस्तर संभाग के सुकमा जिले में प्रवेश करने की संभावना उसी समय जता दी थी। तब हमने खबर में बताया था कि शेर, तेंदुओं का विचरण क्षेत्र 50 से 100 किलोमीटर के दायरे में होता है और तेलंगाना के जंगलों में घूम रहा शेर सुकमा जिले में भी दाखिल हो सकता है।अंततः हमारा यह आकलन सच साबित हुआ है। वही शेर अब कोंटा इलाके में आ धमका है। वन परिक्षेत्र कोंटा के अधिकारी महेश पासवान ने कोंटा इलाके के जंगलों में शेर की आमद की पुष्टि करते हुए कहा कि जंगल में जो फुट प्रिंट ट्रेस किए गए हैं, वे शेर के ही पैर के हैं। पासवान ने कहा कि वन विभाग की टीम लगातार निगरानी करते हुए ग्रामीणों को सर्तक कर रही है।