बस्तरवासियों को आश्वस्त करके जाएं अमित शाह कि नहीं होगा नगरनार प्लांट का निजीकरण: रेखचंद जैन

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  •  निजी कंपनियों के नुमाइंदों के बार-बार नगरनार आने की वजह भी बताएं 

जगदलपुर पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने बस्तर प्रवास के दौरान यहां की जनता को आश्वस्त करना चाहिए कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा। इससे प्लांट के लिए जमीन देने वालों के साथ ही लाखों बस्तरिहाओं को राहत मिल सकेगी।

जैन ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नगरनार इस्पात उपक्रम स्थापित करने का सपना पांच- छह दशक से देखा जा रहा है। जैन के अनुसार यहां के लाखों लोगों ने जो सपना देखा था वह 2019 में तब फलीभूत हुआ, जब नगरनार स्टील प्लांट का लोकार्पण किया गया था। लोकार्पण के प्रारंभ से ही केंद्र की भाजपा सरकार इसे निजी हाथों में सौंपने का षडयंत्र कर रही है। इसे देखते हुए ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित करवाया था कि यदि केंद्र सरकार इस प्लांट के संचालन में स्वयं को अक्षम पाती है तो छत्तीसगढ़ सरकार इसे चला सकती है। इस पर भी केंद्र की भाजपा सरकार ने अड़ंगा डालने का काम किया है। यही नहीं 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में नगरनार से पदयात्रा प्रारंभ कर निजीकरण के किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध किया गया था। पूर्व विधायक रेखचंद जैन के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि यदि केंद्र सरकार नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण अथवा विनिवेशीकरण नहीं करना चाहती है तो यहां बार-बार जिंदल आर्सलर मित्तल जैसी अनेक कंपनियों के प्रतिनिधियों की आमद रफ्त क्यों बढ़ गई है? श्री जैन का कहना है कि श्री शाह के आश्वस्त करने से ही निजीकरण की चर्चा को विराम मिलेगा।

  • प्रधानमंत्री का जिक्र किया था शाह ने

पूर्व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने  शाह के पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले 19 अक्टूबर 2023 को गृहमंत्री ने जगदलपुर में परिवर्तन संकल्प महासभा ली थी। उसमें प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते श्री शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी समझाकर गए हैं कि नगरनार इस्पात संयंत्र निजी हाथों में नहीं जाएगा। तब उनके संबोधन को अखबारों में प्रमुखता से स्थान दिया गया था। श्री शाह ने यह भी कहा था कि केंद्र की भाजपा सरकार बस्तरियों का हित चाहती है। बस्तर की शत- प्रतिशत जनता यह चाहती है कि प्लांट का निजीकरण, विनिवेशीकरण नहीं होना चाहिए। अपनी जुबान पर भाजपा को खरा उतरना चाहिए। आदिवासियों के सम्मान, सुरक्षा व समावेशी विकास के लिए काम करने की बात कहने वाली भाजपा को इस मामले में ठोस पहल करनी चाहिए।

मित्र के राह में आसान करने की चर्चा

जैन ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के एक उद्योगपति मित्र को नगरनार स्टील प्लांट सौंपने के लिए तमाम कवायद की जाने की चर्चा खूब हो रही है। असल में इस उद्योगपति की नजर बस्तर के अकूत लौह अयस्क पर लंबे समय से लगी हुई है। लौह अयस्क हड़पने के उसके षड्यंत्र भी अतीत में उजागर हुए हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि लौह अयस्क व स्टील प्लांट किसी को भी न देने श्री शाह को आश्वस्त करना चाहिए।