- पीएचई के अधिकारी बने हुए हैं अब भी बेपरवाह
बकावंड विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायत छोटे जीराखल में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। कलार पारा और पुराना सरपंच पारा में एकमात्र हैंडपंप से पानी नहीं निकल रहा है, जिससे ग्रामवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरपंच डोमूधर बघेल की सक्रियता से ग्रामीणों को थोड़ी राहत जरूर मिल रही है।
गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही छोटे जीराखाल पंचायत पानी की भारी किल्लत से जूझ रही है। ग्रामीणों को पेयजल के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ रही है। पंचायत के पुराना सरपंच पारा और कलार पारा में जल संकट की स्थिति ज्यादा विकराल रूप ले चुकी है। इन मोहल्लों के हैंडपंप दम तोड़ चुके हैं। इन हैंडपंपों से पानी निकलना बंद हो गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं नव निर्वाचित सरपंच डोमूधर बघेल ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। वे प्रतिदिन तीन टैंकर पानी गांव में भेजकर लोगों को पेयजल उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि जनता को राहत मिल सके। सरपंच डोमूधर बघेल ने पीएचई विभाग की उपेक्षा पूर्ण रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अब तक गांव में नहीं पहुंचा है। इससे पेयजल संकट और बढ़ता जा रहा है, और ग्रामवासियों को परेशानी हो रही है।ग्रामवासियों की उम्मीदें सरपंच डोमूधर बघेल पर टिकी हैं। उनकी सक्रियता और समर्पण से जनता को राहत मिली है, और उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में पेयजल संकट का स्थायी समाधान होगा।