“कृपा” शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – संत राम बालक दास जी

0
487

प्रतिदिन की भांति ऑनलाइन सत्संग का आयोजन सीता रसोई संचालन वाट्सएप ग्रुप में प्रातः 10:00 से 11:00 दोपहर 1:00 से 2:00 बजे बालोद जिला के महान तीर्थ श्री पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास जी के द्वारा किया जा रहा है जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त करते हैं |

आज की सत्संग परिचर्चा में बाबा जी ने बताया कि कृपा शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है अर्थात करो और पाओ, चार वेदों छह शास्त्रों में भी यही बात लिखी और कहीं गई है कि सुख देंगे तो सुख प्राप्त होगा और दुख देंगे तो दुख प्राप्त होगा इसीलिए अपने कर्मों को उसी प्रकार बनाये कि आपके कर्म कभी आपको दुख ना दें |

This image has an empty alt attribute; its file name is image-21.png

आगे सत्संग परिचर्चा में बालमुकुंद जी ने बहुत ही सुंदर विचार प्रस्तुत किए की. “एक शरणागत भक्त को प्रार्थना के लिये प्रयास नहीं करना पडता, उसकी प्रत्येक क्रिया प्रार्थना ही बन जाती है।

इसलिए स्वभाव बनाओ की भगवान ही अपना लगे …
इस पर बाबा जी ने विचार रखते हुए कहा कि शरणागत के लिए यह संभव इसलिए हो पाता है क्योंकि वह अपने प्रियतम को पूर्ण समर्पित होता है और जो इस तरह से समर्पित होता है उसके लिए भगवान की भक्ति के लिए कोई साधन की आवश्यकता नहीं होती उसका हर कण हर क्षण प्रत्येक अंग ही उसका साधन होता है |

This image has an empty alt attribute; its file name is image-1.png

गिरधर सोनवानी जी ने मन की गति को नियंत्रित किस प्रकार की जाती है इस पर विचार व्यक्त करने की विनती की इस पर अपने भाव व्यक्त करते हैं बाबा जी ने बताया कि मन आपका है वह किसी का नहीं हो सकता वह किसी के साथ बांटा नहीं जा सकता इस को नियंत्रित करने का केवल साधन बताया जा सकता है उसे दिशा निर्देश दिया जा सकता है पथ प्रदर्शक बना जा सकता है परंतु नियंत्रण केवल आप ही कर सकते हैं इसके लिए हमारे कर्मों का प्रभाव सात्विक होता है जैसे हमारा आहार-विहार होगा हमारा मन उसी प्रकार होगा इसीलिए सात्विकता अपनाईये एवं धार्मिक जीवन को अपनाइये आपका मन स्वयं नियंत्रित हो जाएगा |

इस प्रकार आज का सत्संग पूर्ण हुआ
जय गौ माता जय गोपाल जय सिया राम