उच्च स्तरीय पूल में भर्राशाही की कालिख

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बालोद। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत झलमला से जामगांव के बीच 345.82 लाख रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पूल के निर्माण में बड़ी भर्राशाही देखने को मिल रही है। निर्माण कार्य को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि पांच साल की गारंटी वाला पूल पांच महीने भी नहीं टिक सकती। पूल निर्माण में ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं। विभागीय कार्रवाई नहीं होने के कारण ठेकेदार अपनी मनमर्जी से गुणवत्ताहीन निर्माण सामाग्री का उपयोग कर रहा है। करोड़ों के पूल में गुणवत्ताहीन निर्माण सामाग्री का उपयोग होने के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों में भी जमकर आक्रोश है।

कांक्रीट की जगह साइज पत्थरो का बेजा उपयोग

इन दिनों झलमला से जामगांव का निर्माणाधीन उच्च स्तरीय पूल भारी भर्राशाही का शिकार बना हुआ है। उच्च स्तरीय पूल के आड़ में भर्राशाही की कालिख पोती जा रही है। वहीं गुणवत्ताविहीन निर्माण कर सरकार व क्षेत्र की जनता दोनों को चुना लगाया जा रहा है। दरअसल सीमेंट कांक्रीट की जगह मजदूरों से पत्थर रखवाकर उसके ऊपर बेस कार्य किया जा रहा है। निर्माण ठेकेदार द्वारा बेखौफ होकर पूल के अस्तित्व और मजबूती से खिलवाड़ किया जा रहा है।

मीडिया निभा रहा सामाजिक सरोकार, अधिकारी ठेकेदार की भक्ति में लीन

निर्माण से पहले पूल के अस्तित्व से खिलवाड़ और गुणवत्ता विहीन निर्माण की जानकारी मिलते ही अपना सामाजिक सरोकार निभाते हुए मौका मुआयना कर संवाददाता ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के कार्यपालन अभियंता को अवगत कराने कार्यालय पहुंचे तो वो नही मिले। उनसे मोबाईल से संपर्क साधने की कोशिश गई लेकिन उन्होंने काल रिसीव नही की। क्षेत्र के लोगो की पूल से जुड़ी महत्वकांक्षा को जानते हुए भी विभाग कोई कार्रवाई न कर आंखे मूंदे बैठा है। संबंधित विभाग व जिम्मेदार अफसरों की कार्यशैली देखकर लगता है कि मानो वे ठेकेदार भक्ति में इस कदर लीन है कि उन्हें जनहित से अब कोई सरोकार नही रहा।

हाइड्रोलिक हूपर मिक्सर मशीन की जगह सामान्य मिक्सर मशीन से काम

उच्च स्तरीय निर्माण में सीमेंट कांक्रीट के लिए हाइड्रोलिक हूपर मिक्सर मशीन का प्रावधान होता है। लेकिन झलमला से जामगांव के बीच करोड़ो रुपए के इस उच्च स्तरीय पूल में सामान्य छोटे मिक्सर मशीन से बगैर नीडिल वाइब्रेटर के सीमेंट कांक्रीट का कार्य किया जा रहा है। चूंकि उच्च स्तरीय निर्माण में सीमेंट कांक्रीट का मजबूत होना आवश्यक होता है इसलिए बड़े निर्माण में हाइड्रोलिक मशीन की अनिवार्यता होती है। क्योंकि इसमें सबकुछ स्वचलित और तय मात्रा में होता है।

एनक्यूएम में शामिल लोगों के शिकायत की तैयारी

केंद्र सरकार द्वारा के द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के मॉनीटरिंग के लिए स्वतंत्र राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनीटर (एनक्यूएम) की तैनाती की जाती है। जो औचक निरीक्षण कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखता है। बताया जा रहा है कि एनक्यूएम के द्वारा साईड विजिट किया गया है। ग्रामीणों के द्वारा एनक्यूएम के साईड विजिट के बाद भी गुणवत्ता विहीन कार्य को लेकर एनक्यूएम में शामिल लोगों की शिकायत की तैयारी की जा रही है।

सूचना बोर्ड में पीआईयू के पते का उल्लेख नही

योजना के तहत कराए जा रहे निर्माण कार्यो का कोई भी नागरिक पीआईयू प्रमुख से किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कर सकता है। पीआईयू का पता प्रत्येक कार्यस्थल पर प्रदान किए सूचना बोर्ड पर उपलब्ध होता है। लेकिन झलमला से जामगांव में बन रहे उच्च स्तरीय पूल निर्माण कार्य के लिए कार्यस्थल पर लगाए गए सूचना बोर्ड में पीआईयू के पते का उल्लेख नही है। ऐसे मे साफ है कि भर्राशाही की मंशा और शिकायत से बचने की लिए पते को नही दर्शाया गया है।

साई एसोसिएट्स रायगढ़ का ठेका

बता दे कि करोड़ो रुपए की लागत वाली इस पूल के निर्माण श्री साई एसोसिएट्स रायगढ़ के द्वारा किया जा रहा है। 60.70 मीटर की लंबाई वाले इस इस पूल के कार्य प्रारंभ 20.06.2020 व 20.09.2021 तक कार्य पूर्ण करने की तिथि है।

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कथन

√ मामले में जब विभाग के साइड इंजीनियर मुरारी साहू से बात की गई तो उनका कहना था कि ड्राइंग में ऐसी रहता है। बॉक्स कलवर्ट है और बॉक्स कलवर्ट में देना ही पड़ता है। शिकायत के लिए निर्माण कार्यस्थल पर लगाए गए सूचना बोर्ड में पीआईयू के पते का उल्लेख न होना और एनक्यूएम द्वारा गुणवत्ता के मॉनीटरिंग के सवालों को साइड इंजीनियर टाल गए।

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