आज सुबह 6 बजे से 9 बजे तक राजहरा खदान समूह के सभी इकाइयों में टूलडाऊन करने के बाद एटक, सिटू,इंटक और बी एम एस ने अध्यक्ष स्टील अॅथारिटी ऑफ इंडिया लिमि. सेल नई दिल्ली और प्रभारी निदेशक भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई को मुख्य महाप्रबंधक खदान राजहरा खदान समूह के माध्यम से सेल कर्मियों के लंबित वेतन पुनरीक्षण को जल्द से जल्द पूर्ण करने हेतु ज्ञापन सौंपा कि सेल कर्मियों का वेतन पुनरीक्षण विगत बावन माह से लंबित है। डी.पी.ई. के दिशा निर्देश का हवाला देकर सेल प्रबंधन द्वारा इसे रोका रखा
गया था।सेल कर्मियों एवं श्रम संगठनों ने भी कंपनी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन के निर्णय का समर्थन किया था और कोरोना काल जैसे कठिन परिस्थितियों में भी कर्मियों ने उत्पादन और उत्पादकता को बनाये रखा महोदय, वर्तमान में कंपनी की वित्तीय स्थिति अच्छी है। ऐसे में कर्मियों का बावन माह से लंबित वेतन पुनरीक्षण में सेल प्रबंधन की हठधर्मिता एक महत्वपूर्ण कारण है। प्रबंधन की हठधर्मिता से कर्मियों के बीच आक्रोश फैल रहा है जिसकी परिणीति कुछ दिन पूर्व संयंत्र के विभिन्न विभागों में घटी घटनाएं सामने दिख रही है |
महोदय प्रबंधन के हठधर्मिता के विरुद्ध खदान कर्मियों के मन में भी आक्रोश पनप रहा है जिसका विपरीत प्रभाव खदान के उत्पादन और उत्पादकता पर निश्चित रूप से पड़ेगा। अतः हम सभी अधोहस्ताक्षरकर्ता श्रम संगठन आपके समक्ष कर्मी हितार्थ निम्न मांगें रखते हुए आशा करते हैं कि आप इनपर समुचित कारवाई करेंगे |
(1) नियमित कर्मियों के बावन माह से लंबित वेतन समझौते को जल्द से जल्द पूरा किया जावे और सभी इस्पात कर्मियों को एक सम्मानजनक वेतन समझौते का लाभ मिले।
(2) महोदय आज सेल के इकाईओं में ठेका श्रमिकों की सक्रीय हिस्सेदारी है। लगभग सभी महत्वपूर्ण विभाग एवं कार्यों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। किन्तु आज भी उन्हें ऐसे कई लाभों से वंचित हैं जो उन्हें मिलना चाहिए। हम सभी अधोहस्ताक्षरित श्रम संगठन यह मांग करते हैं कि प्रबंधन द्वारा सभी ठेका श्रमिकों को न्यूनतम वेतन का मिलना, वाहन भत्ता सम्मानजनक रात्रि पाली भत्ता, एक्स्ट्रा ड्यूटी का वेतन मिलना, सभी ठेका श्रमिकों एवं उनके आश्रितों के लिए मेडिकल सुविधा, शिक्षा सुविधा आदि सुनिश्चित की जावे ।
अतः, महोदय से विनम्र अनुरोध है कि कर्मियों के हितार्थ जल्द से जल्द निर्णय लेने की
कृपा करें अन्यथा अधोहस्ताक्षरित सभी श्रम संगठन कर्मियों के हितार्थ सीधी कार्यवाही करने हेतु
बाध्य होगें, जिसकी जवाबदारी बी.एस.पी. एवं सेल प्रबंधन की होगी।