जगदलपुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीज के मद्देनजर बस्तर संभाग के मेडिकल कॉलेज में शासन द्वारा इस बीमारी से संबंधित कई प्रकार के दवाईयों का समूचित संग्रहण करने का दावा जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग से जूड़े आला अधिकारियों द्वारा किया गया था, किंतु संक्रमण काल का दूसरा दौर प्रारंभ हुए कुछ ही दिन बीते कि कोरोना से होने वाले विभिन्न संक्रमणों से मरीज को बचाने दिए जाने वाले टेबलेट एवं इंजेक्शन की किल्लत होती जा रही है।
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. आजाद के अनुसार प्रारंभिक दौर में रेमडेसीवीर इंजेक्शन एवं इसके एक अन्य प्रारूप दवाई उपलब्ध थी लेकिन अभी कुछ दिनों से इसकी उपलब्धता नहीं है। कोरोना संक्रमण के कारण मरीजों को फेफड़े संबंधित होने वाले इनफेक्शन दूर करने में इस इंजेक्शन की महती भूमिका रहती है। इसी मामले पर जब रायपुर के स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी से संबंध साधा गया तो उनका भी कहना था कि राजधानी में भी इस दवा की समूचित आवक नहीं हो पा रही है। इसलिए फिलहाल यह कहना मुश्किल होगा कि कब तक इस दवाई की आबाद पूर्ति छत्तीसगढ़ में हो पायेगी। वहीं मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में भर्ती मरीज के परिजन का कहना है कि करीब 5000 रूपए कीमत वाली यह रेमडेसीवीर इंजेक्शन बाजार में 13 से 15 हजार रूपए में मिल रही है।
कोरोना संक्रमण काल के इस दौर में बस्तर संभाग के मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठान में साधारण किंतु उच्च क्षमता वाले इस दवाई की पूर्ति की समूचित व्यवस्था नहीं हो पाना बस्तर संभाग के स्वास्थ्य व्यवस्था के ऊपर प्रश्रचिन्ह खड़ा करता है।
विदित हो कि शासन के कई मंत्रियों एवं स्वयं मुख्यमंत्री बस्तर के आदिवासियों के समूचित स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर हमेशा मेडिकल कॉलेज में दवाई एवं अन्य प्रकार की व्यवस्थाओं की सम्पूर्ण समीक्षा हमेशा करते रहते हैं।