जगदलपुर।नारायणपुर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ शासन में हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री केदार कश्यप पर लगाया गया जान से मारने की साजिश पूरी तरह से निराधार है ।भारतीय जनता पार्टी जगदलपुर शहर महामंत्री संग्राम सिंह राणा ने कहा कि जिस तरह से विधायक चंदन कश्यप ने पूर्व मंत्री केदार कश्यप पर जो आरोप लगाये है कि बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने के बात उन्होंने कही है। ऐसे बयान देना संवैधानिक पद पर रहते हुए शोभा नहीं देता है। विधायक चंदन कश्यप को जनता के बीच जाकर माफी मांगना चाहिए, उन्होंने आदिवासी समाज के कद्दावर पूर्व मंत्री का अपमान किया है जिस तरह के आरोप लागये गए हैं ,उससे साफ जाहिर होता है कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए, वोट बैंक खिसकने के डर से, सरकार की फजीहत होने की दर से उन्होंने यह कदम उठाया है। ग्राम चपका में चल रहे जन सुनवाई के दौरान वहां की जनता द्वारा जिस तरह से विधायक चंदन कश्यप को उल्टे पैर
भगाने को मजबूर किया इससे साफ जाहिर होता है कि नारायणपुर की जनता विधायक चंदन कश्यप से कितने नाराज हैं। 12 अप्रैल को ग्राम चपका में उद्योग की स्थापना के लिए आयोजित जन सुनवाई के दौरान वहां समस्त ग्रामीण आक्रोशित थे। विधायक ने आरोप लगाया है कि वहां पूर्व मंत्री केदार कश्यप के समर्थक भाजपाई मौजूद थे उन्होंने ग्रामीणों के एक समूह को भड़का कर उन पर हमले के लिए उकसाया था यह आरोप निराधार है , पूरे चपका के ग्रामीण विधायक चंदन कश्यप से नाराज है। 144 धारा लगने के बावजूद जनसुनवाई करवाना यह छत्तीसगढ़ शासन की नाकामी कहेंगे। जगदलपुर शहर महामंत्री संग्राम सिंह राणा ने कहा विधायक चंदन कश्यप के साथ साथ जिस अधिकारी कर्मचारियों ने जनसुनवाई करवाया उस पर एफ. आई. आर .दर्ज होना चाहिए। जिन्होंने 144 धारा का उल्लंघन किया है। 10 दिन बाद चंदन कश्यप का बयान आना मतलब अपने आकाओं को खुश करने के लिए, मंत्रिपद पाने की लालसा रखने के लिए विधायक चंदन कश्यप ने यह बयान दिया।
चपका की घटना के जिम्मेदार स्वयं विधायक चंदन कश्यप है। 12 गांव के 5000 लोगों को कोरोना संक्रमण काल में इकट्ठा कर जनसुनवाई कराने से लोग खफा है ।विधायक की निष्क्रियता से जनता काफी नाराज चल रही है। मैं विधायक से कहना चाहता हूं।इस कोरोना काल में जनता की सेवा करें ना कि किसी के ऊपर आरोप लगाये। यह छोटी मानसिकता का परिचायक कहलाता है।