कब तक बीजेपी की हार पर खुश होती रहेगी काँग्रेस-नरेन्द्र नाग

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सैय्यद वली आज़ाद – नारायणपुर

2018 में आम आदमी पार्टी के कैम्पेन के दम पर जीती थी कांग्रेस

भूपेश इस गलत फहमी में थे असम के नतीजों ने दिखा दिया

असम के प्रभारी कम सीएम उम्मीदवार ज्यादा दिख रहे थे भूपेश

पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष नरेन्द्र नाग ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि-
मजबूत विपक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था का अनिवार्य अंग है पर दुर्भाग्य से हमारे देश में मजबूत विपक्ष की कमी हमेशा से रही है। 1990तक काँग्रेस के विरुद्ध कोई भी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत विपक्ष का दर्जा हासिल नहीं कर पाई उसके बाद गठबंधन की सरकारों का युग आया जिसमें राष्ट्रीय राजनीति का नियंत्रण क्षेत्रीय पार्टियों के क्षत्रपों के चला गया उस दौर में भी क्षेत्रीय क्षत्रपों के अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ की वजह से विपक्ष बिखरा हुआ था।

आज जब किसी जमाने में विपक्षी पार्टी रही बीजेपी सत्तारूढ़ पार्टी की भूमिका में है तब सर्वाधिक समय तक सत्तारूढ़ रही कांग्रेस दूर दूर तक विपक्ष की भूमिका में नजर नहीं आ रही है।पाँच राज्यों के नतीजों से स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता काँग्रेस को विपक्ष मानने के लिए भी तैयार नहीं है।जनता के इस संकेत को गंभीरता से लेने की बजाए काँग्रेस बीजेपी के हार का जश्न मना रही है।अपने आपको राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत विकल्प बनाने की असफलता की वजह से काँग्रेस खुद मोदी जी के काँग्रेस मुक्त भारत के सपने को साकार करने में मदद कर रही है।

काँग्रेस की सत्ता जिन राज्यों में आज की तारीख में है वहाँ भी कोई दमदार नेतृत्व दिखाई नहीं देता।छत्तीसगढ़ में काँग्रेस को जो प्रचंड बहुमत मिला उससे माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को काँग्रेस का दमदार नेता माना गया।बघेल जी प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी के भरोसे अनाथ छोड़कर असम चुनाव में विधायकों, कार्यकर्ताओं और मीडिया कर्मियों के लाव-लश्कर के साथ पहुँचे थे।सैकड़ों करोड़ रुपये असम चुनाव में फूँक आए और जब नतीजा आया तो काँग्रेस को पहले से भी कम सीटें मिली।नरेन्द्र नाग ने आगे कहा कि काँग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में जमीनी हकीकत को समझने की काबिलियत ही नहीं है,अगर होती तो यह जान जाते कि छत्तीसगढ़ में जो काँग्रेस को प्रचण्ड बहुमत मिला है वह बीजेपी के 15वर्षों की एन्टी इनकम्बेंसी और आम आदमी पार्टी के मतदाता जागरूकता की शैली में चुनाव प्रचार की वजह से मिला है,लेकिन आने वाले 2023 में लोग आम आदमी पार्टी को सत्ता में लाएंगे ।

इतना ही नहीं 2018 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 60 फीसदी घोषणा पत्र भी चोरी करके छपवा लिया था जैसे
50 फिसदी बिजली बिल माफ, धान का समर्थन मूल्य, शराब बंदी आदि। लेकिन सब महज दिखावा था।