बालोद जिले के ग्रमीण क्षेत्र के किसानों की हालत मौसम एव कोरोनो के कारण बहुत दयनीय हो गयी है। लॉकडाउन के कारण पहले ही छोटे छोटे किसान जो सब्जी कृषक है उनका व्यपार ठप बैठा हुआ है और अब फसलें बेमौसम बरसात के कारण चौपट हो गयी है। कोरोनकाल के इस दूसरी लहर में पूरा जनमानस अस्तव्यस्त हो गया है पर सबके लिए अनाज उगाने वाले किसान ही सबसे दयनीय स्तिथि में है। किसानों के विभिन्न समस्यों के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश किसान मोर्चा सदस्य नागेंद्र चौधरी में बताया कि लॉक डाउन की वजह से छोटे सब्जी व्यपारियो को नुकसान हो रहा इनका व्यपार सही ढंग से शहरी क्षेत्र या मंडियों में हो पाता है किंतु लॉकडाउन के कारण ये दोनों ही जगह बन्द है जिस कारण इन्हें कम मूल्य में विक्रय करना पड़ रहा है और सब्जी भी खराब हो रही है।

बेमौसम बरसात के कारण दर्जनों गाँव के सैकड़ो किसानों की धान की बालियां झड़ गयी है जिस कारण फसल चौपट हो गयी है और उन्हें आर्थिक नुकसान का सामान करना पड़ रहा है। इसके अलावा जो छोटे सब्जी कृषक है उन्हें सब्जी के खेतियो में डालने हेतु रासायनिक दवा, बीज एव खाद की आवश्यकता पड़ती है पर लॉकडाउन की वजह से सभी कृषि केंद्र बन्द है जिससे फसलों में कीड़े पड़ने का डर भी बना हुआ है साथ ही धान की खेती पक चुकी है और आगे किसानों को हार्वेस्टर मशीन की आवश्यकता पड़ेगी किंतु परिवहन की अनुमति ना होने एवं डीजल विक्रय पर भी प्रतिबंध होने के कारण इस कार्य मे भी बाधा आने की पूरी संभावना है।

नागेंद्र चौधरी ने शाशन प्रशासन से मांग की है कि इन सभी समस्याओं का निराकरण हेतु टीम गठित कर किसानों को होने वाले समस्या का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए साथ ही बारिश की चपेट में आये गाँव के पटवारियों के माध्यम से सर्व कर किसानों को आर्थिक मुआवजा क्षतिपूर्ति प्रदान करे। लॉकडाउन के कारण मनरेगा जैसे कार्य भी बन्द है जिस कारण आर्थिक मुआवजा ही किसानों के लिए इस समय मददगार सबित होगा। किसानों को भी उम्मीद है कि कृषि विभाग व सरकार इस पर ध्यान देगी और उन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा। क्योंकि फसल प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि रबी फसल में कृषि विभाग की योजना के तहत फसल बीमा नहीं होती है इसलिए शासन प्राकृतिक आपदा के तहत हमारी फसल नुकसान का आकलन करके मुआवजा दिया जाए ताकि कुछ राहत मिल सके। भाजाप प्रदेश किसान मोर्चा ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनके अधिकार एवं हक की हर लड़ाई में वे उनके साथ है और सरकार से भी शीघ्र समाधान का अनुरोध किया है।
