कोरोना ने पांच माओवादियों को उतारा मौत के घाट, झीरम के गुनाहगार हुए भी संक्रमित

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जगदलपुर – सूरक्षाबल लंबे समय से माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व को नुक्सान नहीं पहुंचा पाए किंतु वह काम वैश्विक महामारी कोरोना ने कर दिया और शीर्ष माओवादियों को मौत के घाट उतार दिया। इस कोरोना बिमारी में झीरम कांड़ के शीर्ष गुनाहगार भी चपेट में आए।घातक साबित हुई है। बस्तर में तीन माओवादियों की मौत हुई तो तेलंगाना में दो मर गए।

दक्षिण बस्तर के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली है कि नक्सली संगठन में कोरोना संक्रमण व्यापक रूप से फैल चुका है। इसके कारण 3 डीवीसी सदस्यों की मौत हो चुकी है। एसपी ने कहा कि फूड प्वाइजनिंग और सही उपचार के अभाव में मौतों का आंकड़ा ज्यादा हो सकता है। वर्तमान में 8 डीवीसी सदस्यों के कोविड-19 से संक्रमित होने की जानकारी मिली है।

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उन्होंने माओवादियों से अपील की है कि वे घर वापस आइए अभियान के अंतर्गत आत्मसमर्पण कर दें। जिससे पुलिस उनका उचित उपचार कराएगी। इस तरह से आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की जान की सुरक्षा होगी। ज्ञात हो कि पुलिस द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों के कोविड-19 जांच की व्यवस्था की गई है, वहीं कोविड पॉजिटिव रोगियों को कोविड केयर हॉस्पिटल में दाखिल कराया जाता है।

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वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमित 6 माओवादी लीडर डिवीजन कमेटी सदस्य हैं, इनमें झीरम कांड़ में शामिल विनोद, आकाश,सोनू, क्रांति, राजेश और नंदू शामिल है। इनमें नंदू माओवादियों की तकनीकी टीम का प्रभारी है, वहीं विनोद दरभा डिवीजन कमेटी का प्रभारी है। नक्सलियों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किए जाने की वजह से माओवादी संगठन में कोविड-19 का प्रसार हो गया है। माओवादी संगठन में कोरोना संक्रमित माओवादियों को अंतिम चरण में तेलंगाना उपचार हेतु भेजा जाता है। जहां तेलंगाना पुलिस द्वारा संक्रमित माओवादियों को आसानी से गिरफ्तार कर लिया जाता है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान माओवादियों की फूड सप्लाई बाधित होने के कारण से भी माओवादी संगठन में महामारी फैल गई, जिससे माओवादी संगठन को बड़ी क्षति पहुंची।