आज भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने मुख्य महाप्रबंधक राजहरा खदान समूह को लिखित शिकायत कर कहा है कि राजहरा खदान समूह में चल रहे ठेका कार्य में कार्यरत श्रमिकों को CPF पुरी राशि नहीं दी जा रही है। राजहरा खदान समूह में चल रहे ठेका कार्य में कुछ ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों का सी.पी.एफ. की राशि में कटौती की जा रही है और उन्हें उनके पूरे वेतन का सी.पी.एफ. ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों को नहीं किया जा रहा है। संघ को ऐसी जानकारी मिली है कि राजहरा खदान समूह के कुछ ठेकेदार श्रमिकों को 15000/- रूपये से अधिक के वेतन पर सी.पी.एफ. की राशि नहीं दे रहे है जबकि इसी खदान में बाकी ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों के पूरे वेतन की सी.पी.एफ. की राशि श्रमिकों के खाते जमा की जा रही है। इसके पूर्व में इस संबंध में कार्मिक विभाग से मौखिक रूप से चर्चा में ईसकी पूरी जानकारी दी गई थी। और आई.डी. में जाने की बात संघ द्वारा कही गई थी, तब आपके विभाग ने संघ को इस समस्या का समाधान चर्चा के माध्यम से कर लिये जाने का आश्वासन दिया गया था, किन्तु आज दिनांक तक इस संबंध में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है।
एक ही खदान में कार्यरत श्रमिकों के लिए अलग अलग नियम का पालन किया जाना समझ से परे है और इससे तो ऐसा प्रतित होता है कि खदान के कुछ विशेष ठेकेदारों को प्रबंधन द्वारा विशेष छूट देकर लाभ पहुंचाया जा रहा है। और श्रमिकों के हकों का उनके द्वारा खुले आम हनन किया जा रहा है। अगर बी.एस.पी. प्रबंधन ठेका में सी.पी.एफ. की राशि श्रमिक के पूरे वेतन के अनुरूप डालती है तो वह राशि श्रमिकों को मिलनी चाहिए। किन्तु कुछ विशेष ठेकेदार श्रमिकों का हक मार कर अपनी जेबें भरने में लगे है और प्रबंधन उनकी सहयोगी भूमिका में खड़ा नजर आ रहा है, जो कि काफी खेदजनक है।
संघ आपसे मांग करता है कि इस मामले की तत्काल जाँच करवा कर श्रमिकों को उनके पूरे वेतन का सी.पी.एफ. की राशि ठेकेदारों से जमा करवाया जाये और अभी तक जिन ठेकेदारों ने 15000/- रूपये से अधिक के वेतन पर सी.पी.एफ. की राशि श्रमिकों के खाते में जमा नहीं किया है उन ठेकेदारों से उक्त राशि की रिकव्हरी किया जाये और श्रमिकों को वापस दिलाया जाये। और ऐसे ठेकेदार जो 15000/- रूपये से अधिक के वेतन पर सी.पी.एफ. की राशि जमा नहीं करते हैं उन्हे सूचीबद्ध कर उन पर कड़ी कार्यवाही की जाये, ताकि भविष्य में गरीब मजदूरों के हकों का हनन करने का साहस कोई न कर सके।