दुलेड पंचायत के विकास कार्यो का एक करोड़ से अधिक राशि डकार गया सचिव

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जगदलपुर/सुकमा। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के दुलेड पंचायत के ग्रामीणों एवं सरपंच-उपसरपंच ने आरोप लगाया है कि विगत तीन वर्षो से कागजों में विकास कार्यो को अंजाम देने वाला सचिव पर एक करोड़ से अधिक की राशि डकारने को अरोप लगाया है। ग्रामीण इस मामले की शिकायत कलेक्टर सुकमा से करने की तैयारी में है। पंचायत की राशि का बंदरबाट करने के बाद उक्त सचिव वहां से तबादला कराकर सुकमा विकासखंड के निलावरम पंचायत में वर्तमान में पदस्थ है।इसके पूर्व भी उक्त सचिव पर ताड़मेटला पंचायत में भ्रष्टाचार मामले में निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है। ज्ञातव्य हो कि सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के पंचायतों में कागजों मेंविकास कार्यो को अंजाम दिए जाने को लेकर कोंटा विकासखंड हमेशा सुर्खियों में रहा है। बताया जाता है कि अधिकारियों के संरक्षण में ही कुछ पंचायत सचिव को कागजों में विकास कार्यो को अंजाम देने में माहरत हासिल है ऐसे सचिव पर प्रशासनिक अधिकाररी भी मेहरबान रहा करते है। उन सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के कारण हौसला बुलंद है जो आए दिन भ्रष्टाचार को अंजाम दिया करते है। जिसका कमीशन का हिस्सा अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। कमीशन के दबाव में अधिकारी भी पंचायत सचिव के गुलाम बने हुए है। ऐसा ही एक मामला धूर नक्सल प्रभावित इलाका दुलेड पंचायत के सामने आया है।

उपसरपंच एवं ग्रामीणों का आरोप: दुलेड पंचायत के उपसरपंच सोड़ी नरेश एवं दर्जनों ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सचिव कोमल बघेल विगत 4 वर्षो से पदस्थ है। पंचायत में बोरिंग खनन के अलावा एक भी विकास कार्य नहीं कराया गया है वह भी अब खराब हो चुके है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उक्त सचिव जो विगत चार वर्षो से कागजों में विकास कार्य बताकर 13वें एवं 14वें विड्डा सहित मूलभूत एवं अन्य मदो के विकास कार्य के लगभग एक करोड़ से अधिक की राशि गबन किया है। ग्रामीणों ने बताया खासकर पारा में तालाब का निर्माण कराया गया था जिसका तीन लाख से अधिक का बकाया है। पंचायतों में न तो शौचालय बन पाया और न ही गरीब परिवारों का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास ही बन पाया है। इन सारे विकास कार्यो की राशि गबन का आरोप लगाते हुए सुकमा कलेक्टर से शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग करने्र की तैयारी में है। सचिव के प्रति ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। गुमराह कर चेक में कराया हस्ताक्षर: वहां के सरपंच सोमडी ने बताया कि मुझे गुमराह कर चेक में हस्ताक्षर कराकर राशि निकाली गई है। सरपंच भी पूर्व सचिव के कार्यप्रणाली से आक्रोशित है। सचिव कोमल बघेल के तबादले के बाद जब नया सचिव सुंदरी देवी के आने के बाद राशि बंदरबाट होने का खुलासा हुआ और इसकी जानकारी सरपंच उपसरपंच एवं ग्रामीणों को मिली। पंचायत के खाते में 60 लाख की राशि: कोंटा जनपद कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018-19 में पंचायत इंसपेक्टर के द्वारा दुलेड पंचायत का आडिट किया गया था आडिट के दौरान पंचायत के खाते में 60 लाख की राशि होना बताया गया जबकि ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में एक भी विकास कार्य नहीं हुए तो खाते में जमा राशि कहां गई यह जांच का विषय है। विगत छह माह पूर्वपंचायत इंस्पेक्टर टीआर मंडावी द्वारा उक्त पंचायत का आडिट किया गया था। सचिव कुछ भी बोलनने से किया इंकार:दुलेड के पूर्व सचिव कोमल बघेल जो वर्तमान में सुकमा जनपद के निलावरम पंचायत में पदस्थ है। सचिव पर लगाये गये आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा दुलेड पंचायत में वर्ष 2016 से अगस्त 2021 तक पदस्थ थे इनके उपर लगाये गये आरोप के संबंध में कुछ भी बोलने से बचते रहे। कार्रवाई से बचने आकाओं का संपर्क: सचिव को जब इस बात की खबर लगी कि ग्रामीण राशि गबन का आरोप लगा रहे है तब दुलेड के पूर्व सचिव कार्रवाई से बचाव के लिए अपने आकाओं तक संपर्क साधा। उक्त आका जो एलमपल्ली पंचायत में भी लाखों का घालमेल कर चुका है। आका ने दुलेड के पूर्व सचिव को भरोसा दिलाते हुए कहा कि डरो मत कुछ नहीं होगा अधिकारियों को मैनेज करने से सब ठीक हो जायेगा। इनके आका ने कहा मेरी भी शिकायत हुई थी अखबरों में भी छपा मेरा कुछ नहीं हुआ। अखबारों में तो समाचार छपते रहते है। शिकायत मिलने पर होगी जांच: जनपद सीईओ कोंटा कैलाश कश्यप ने कहा कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई जायेगी। जांच में जो भी अनियमितता पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।