एटीएम फ्रॉड मामले में पुलिस कर सकती है कुछ दिनों में बड़े खुलासे, इधर एक आरोपी फरार

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जगदलपुर

शहर के बहुचर्चित एटीएम फ्रॉड मामले में धीरे-धीरे प्याज के परतों की तरह पुलिस मामले से जुड़े राज खोलने का मन बना रही है. ऐसा माना जा रहा है कि जब से मामला पुलिस के संज्ञान में आया है तब से लेकर विभाग के आला-अधिकारी, आरोपियों की गिरफ़्तारी को लेकर एडी-चोटी एक कर रहे हैं और मामला चुनौतीपूर्ण है. इधर, शहर में चर्चाओं का बाज़ार तो गर्म है ही साथ ही मामले को लेकर कई अटकलें भी लगायी जा रही हैं. जितने मूंह उतनी बातें की कहावत को चरितार्थ करना यह मामला निश्चित ही कई बड़े खुलासे करेगा, जिसमें तगड़ी कार्यवाई को बस्तर पुलिस की भूमिका अहम् मानी जा रही है.

क्या है मामला?

गौरतलब हो कि विगत कुछ दिनों पूर्व सीएमएस कंपनी के स्थानीय कर्मचारियों द्वारा एटीएम में निश्चित राशि नहीं डालकर कम राशि डालते हुए शेष राशि का गबन विगत दो वर्षों में किया. इस बात की शिकायत कंपनी द्वारा कोतवाली थाने में करने के बाद पुलिस ने कार्यवाई शुरू की और सबूतों के आधार पर पहले चरण में तीन आरोपियों योगेश यादव, कौशल यादव व ललित नारायण साहू की गिरफ़्तारी की गयी. बाद में एक आरोपी मंजूर अली की गिरफ़्तारी हुई. गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपियों को न्यायालय से पुलिस रिमांड पर भी लिया और कई जानकारियां सामने आई. हालाँकि, इन सब का खुलासा धीरे-धीरे पुलिस कर रही है. पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मामले में एक आरोपी अब भी फरार बताया जा रहा है.

42 लोगों का लिस्ट पुलिस के पास, कितना सच, कितना झूठ

सूत्र बताते हैं कि महंगी गाड़ियों और ऊँचे रहन-सहन के साथ अपनी जीवन शैली को गबन के पैसों से जीने वाले ये आरोपी शहर के कई लोगों को बड़े ही शातिराना तरीके से इस मामले से जोड़ लिए, अब यह जानबूझ कर किया गया या अनजाने में यह तो जांच का विषय है. अब तक पुलिस द्वारा 42 लोगों का लिस्ट बनाये जाने की बात भी सामने आ रही है, अब इस लिस्ट में शहर के कौन-कौन लोग हैं यह वाकई सोचनीय विषय है. बहरहाल, पुलिस इस मामले में बहुत लोगों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है.

पुलिस विभाग से भी जुड़े हैं तार

मामले में पुलिस का फूंकफुंकर कदम रखने का कारण यह भी माना जा रहा है कि आरोपियों द्वारा विभाग के ही कुछ लोगों को अच्छी-खासी कीमत के मोबाइल भी बतौर गिफ्ट दिए गए हैं, जिसमें तीन स्टार से लेकर एक महिला पुलिस ट्रेनर को भी मोबाइल दिए जाने की बात हवा की तरह शहर में फैली हुई है. हालाँकि, इस मामले में विभागीय जांच में ही खुलासा हो सकेगा. अब सवाल यह उठता है की ऐसे कर्मियों को भी क्या विभाग के आला-अधिकारी शक के दायरे में लायेंगे या नहीं?

हार भी जप्त किये जाने की खबर

जैसे-जैसे परतें खुलती जा रही हैं वैसे-वैसे पुलिस के पास साक्ष्य इकट्ठे हो रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि आरोपियों में से किसी एक ने अपनी माशूका को एक महंगा और भव्य हार भी बतौर गिफ्ट दिया था, जिसे पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर जप्त किया है या नहीं इसका खुलासा अब तक नहीं किया गया है. यही नहीं, शहर के संभ्रांत कुछ लड़कियों के भी तार इससे जुड़े होने की बात सामने आ रही है, इसका खुलासा भी अब तक नहीं हो पाया है.

जांच के साथ गबन की राशि को सकेलने में जुटी पुलिस

आरोपियों द्वारा शहर के कई लोगों को गबन की राशि दी गयी थी, जिसमें से कुछ को पुलिस ने जप्त कर लिया और बाकी की राशि के लिए बस्तर पुलिस ने सार्वजानिक सूचना दे कर शहर के प्रबुद्धजनों से अपील किया है कि आरोपियों द्वारा यदि किसी व्यक्ति को उधारी या किसी अन्य परिस्थितिवश, राशि दिया गया हो तो बस्तर पुलिस के माध्यम से उक्त राशि जमा करा दें, ताकि गबन की गई अधिकाधिक राशि बरामद की जा सके.

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