धनिया बो देंगे या धनिया पिस जायेगी, कहां से कहां पहुंच गई सियासत

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(अर्जुन झा)

छत्तीसगढ की सियासत में रतलामी सेव को पुलिस के डंडे पड़ने के साथ ही अब भाजपा अपनी असलियत पर उतर आई है। बृजमोहन अग्रवाल ने सह्दयता दिखाई, लेकिन बैठक के बाद ये वीडियो वायरल हुआ, इसमें रतलामी फिर एक बार अपनी ठसन में यह कहते देखे गए कि हम और बृजमोहन मिल जाएं तो कांग्रेस की धनिया बो देंगे। वैसे तो यह बात किसी से दुश्मनी निभाने के दौरान कहते हुए लोगों को सुना जाता है। यहां पर रतलामी के यह शब्द यह बताने का प्रयास है कि पार्टी अब उनके अनुसार चले। जो लोग उनके लिए सामने आए उनके किए गए कार्य को पूरी तरह भुला बैठे। खैर भाजपा के अनुशासन को ऐसे लोग ही तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। जब सत्ता में थे तो मीडिया को मांगीलाल कहने वाले अब यह

भी कहने लगे हैं। कल जनता की बारी आएंगी तब पता चलेगा कि कौने किसकी धनिया बोएगा। लोकतंत्र में बंगाल एक उदाहरण है जहां भाजपा ने अपने सत्ता के दंभ पर कितना प्रयास किया। वहां पर दीदी को वे नहीं डिगा सके। अब यूपी और पांच राज्य का चुनाव है। वहां पर देखते हैं कि किसकी धनिया जनता बोती है। समय अपने आप में बड़ा बलवान होता है। समय ही था जिसने रमन को मुगालते में रखते हुए सत्ता में बनाए रखने के सपने को धूमिल कर दिया। गरीबों के मसीहा के रूप में प्रचारित करने के बाद अपनी कुर्सी नहीं बचा सके। यह उन भाजपा कार्यकर्ताओं की वजह से ही था जो अपनी ढपली बजाते थे। आसमान में उड़ने वालों को जनता ने ऐसी धूल चटाई कि अब वे पानी भी नहीं मांग पा रहे हैं। पुरंदेश्वरी ने रमन को धूल चटाने का प्रयास किया। फिर भी वे सरकार की नाक में दम करने में पीछे नहीं हैं। रतलामी कभी उनके कैंप में थे अब बृजमोहन कैंप में आने को आतुर होेकर धनिया लेकर चले हैं । बृजमोहन तो उस समय के विधायक हैं जो एक बार चुनाव लड़ना शुरू किया तो आज तब अजेय हैं। अब उन्हें भी देखना चाहिए कि ऐसे ठसन रखने वाले को देखकर अपने बाजू में रखें। वरना उनके फेर में आकर अपनी राजनीति को दांव में न लगा लें। पिछले दस साल जो उनके कभी हुए ही नहीं वो अब कैसे होंगे यह सवाल लोग उठा रहे हैं। जो भी हो आगे दाऊ का छत्तीसगढिया दांव भी इस पर देखना होगा कि वे धनिया को कैसे पीसेंगे। आने वाला समय यह दिखाएगा कि भाजपा के तरकश में कौन से तीर हैं जो अपने में दम रखता हैं। वैसे भी पुरंदेश्वरी सबकी कुंडली लेकर अभी से रणनीति बनाने में लगी हैं। चुनाव तो अभी दूर है लेकिन मसाला अभी से तैयार है, बस धनिया की मात्रा मोदी को तय करना है।