दुर्ग – भारतीय स्टेट बैंक के मैनेजर से 18 लाख की ठगी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमे से तीन आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है | ये गिरोह अलग अलग प्रदेश से है ये बड़े कारोबारी के नाम पर झांसा देकर ठगी करते है |
मामले का विवरण इस प्रकार है भारतीय स्टेट बैंक एस.एम.ई. शाखा दुर्ग मैनेजर के पास दिनांक 24-01-2022 को दोपहर लगभग 12.49 बजे अनजान नंबर से कॉल आया कि मै कैलाश मध्यानी वेंकटेश मोटर्स का मालिक बोल रहा हू और बोले कि आपके बैंक शाखा मे एफ.डी. खोलना है मै कुछ देर बाद स्वयं मै आ रहा हू रास्ते पर हू किन्तु मुझे अर्जेन्ट पैसा ट्रांसफर करवाना है और बैंक शाखा के मेल आईडी पर कैलाश मध्यानी वेंकटेश मोटर्स के नाम वाली मेल आईडी से पैसा ट्रांसफर करना है उसका डिटेल भेजा | उसके पश्चात बैंक मैनेजर के मोबाईल फोन पर लगातार फोन करते रहा और जल्दी से जल्दी RTGS करने को कहा एवं बैंक पहुचकर चेक जमा करूंगा कहा जिस पर से बैंक मैनेजर द्वारा कैलाश मध्यानी का मोबाईल एवं खाता एवं चेक नम्बर का मिलान करने पर सही पाये जाने पर तत्काल RTGS के माध्यम से 18 लाख 24 हजार 780 रुपए ट्रांसफर कर दिया। चुकि कैलाश मध्यानी हमारे शाखा के सम्मानीय ग्राहक है एवं ईमेल पर दी गई चेक नम्बर को सही एवं विश्वास हो जाने पर एवं ग्राहक की परेशानी को देखते हुए उक्त रकम को बताने गये खातो मे डाला गया। इसके बाद पुन: मैनेजर के मोबाईल फोन पर उसी नम्बर से फोन आया जिसमे दो और RTGS करने को कहा गया तब मुझे शंका हुई कि कुछ गडबड है। तब मेरे द्वारा कैलाश मध्यानी को मेरे सहकर्मी के मोबाईल नम्बर से बैंक के रिकार्ड मे जो कैलाश मध्यानी के फोन नम्बर पर फोन किया तो उनके द्वारा बैंक मे किसी प्रकार का पैसो के लेनदेन के संबंध मे नही कहा है तब पता चला कि हमारे साथ किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धोखाधडी किया गया।
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उन्होंने थाना मोहन नगर में मामले की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले को जांच में लिया और तीन सप्ताह बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। खातों और मोबाइल नंबरों की जांच के आधार पर ही पुलिस निशानदेही पर आरोपियों तक पहुंची विकास ढ़ीगरा जालंधर, पंजाब, पुनित गौतम फरीदाबाद, हरियाणा, मुन्ना साव मोगरा, पश्चिम बंगाल, पवन मांझी बड़रिया जिला सिवान, बिहार अपराध करना स्वीकार किया वहीं तीन आरोपी विनय यादव, करन कपूर, राजन कपूर फरार होने में कामयाब हो गए।
जिन दो बैंक अकाउंट मैनेजर ने रुपए ट्रैंसफर किए थे। उसमें से इंडसइंड बैंक परमजीत कौर के नाम पर था। वहीं दूसरा खाता आईसीआईसीआई बैंक में कांता रानी के नाम पर था। दोनों बैंक अकाउंट में कुल 18 लाख 24 हजार 780 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया था। पुलिस ने उन खातों का स्टेटमेंट एवं केवाईसी लिया । रकम ट्रांसफर के लिये उपयोग किये गये खाते जालंधर पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग नाम से कुछ समय पहले ही खोले गए हैं। इन्होंने कई राज्यों में इसी तरह की और भी धोखाधड़ी की है |
आरोपी मुख्यरूप से बड़े व्यापारियों को अपना निशाना बनाते थे। वह पहले गूगल से उनके बारे जानकारी लेते थे। उनका नंबर सर्च करते थे। इसके बाद संबंधित व्यक्ति के यहां गाड़ी या अन्य सामान खरीदी करने के बहाने उनका अकाउंट नंबर और चेकबुक जैसे डिटेल हासिल करते थे। इसके बाद वह संबंधित बैंक के मेनेजर को फोन करके इतना डिटेल बताते थे कि उसे विश्वास हो जाए कि फोन करने वाले सही आदमी है।