रायपुर। अब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ में 25 हज़ार बच्चों और महिलाओं की मौत के आंकड़ों पर कहा, ये आंकड़े राज्य के स्वास्थ्य विभाग के डाटा बैंक से लिए गए हैं। यह हमारे पास मौजूद 3 सालों के आंकड़े हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति की वजह से मैदानी इलाकों की तुलना में दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। हम सबका ध्यान दिलाने के लिए राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम का धन्यवाद। उन्होंने जो बातें उठाई हैं, उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने उत्तराखंड चुनाव प्रचार और नई दिल्ली से रायपुर लौटने के बाद एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा में कहा, जीएसटी क्षतिपूर्ति जून माह में खत्म किये जाने पर कहा जीएसटी क्षतिपूर्ति खत्म होने से छत्तीसगढ़ को पहले साल ढाई से तीन हजार करोड़ का होगा नुकसान इससे उभरने के लिए हमारे पास स्त्रोत नहीं है। वैट का हमारा अधिकार जीएसटी काउंसिल में निहित कर दिया है, इससे छत्तीसगढ़ को पहले साल ढाई से तीन हजार करोड़ का नुकसान होगा। अगले वर्षों में करीब 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी का हमको नुकसान हो सकता है। छत्तीसगढ़ के लिए यह बड़ी चिंता की स्थिति बनेगी। इस पर चिंतन करना पड़ेगा की अपने स्त्रोतों से हम आमदनी कैसे बढ़ा सकते है ।
उत्तराखंड में कांग्रेस के पक्ष में माहौल
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने उत्तराखंड चुनाव को लेकर कहा, उत्तराखंड में कांग्रेस के पक्ष में माहौल दिखा है। मुझे एक ही विधानसभा में भेजा गया था, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ रहे हैं, वहाँ प्रचार के लिए कहा गया था। वहां पर संघर्ष की स्थिति है। कांग्रेस वहां पिछली बार 27 हजार वोटो से पीछे थी। यहां पर पहले एक महिला को टिकट दिया गया था, उनका टिकट काटकर रावत को दिया गया है। चुनाव मैदान में वो बागी के रूप में है, यहां से भाजपा के दो बागी भी मैदान में हैं। दो जिले की 15 सीटों में 6 में कांग्रेस की स्थिति अच्छी लग रही है। पांच सीटों में भी कांग्रेस की संभावना है।
प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम
इसके साथ प्रदेश में वैक्सीनेशन की कम रफ्तार पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, पहला डोज 98 प्रतिशत से उपर पहुंच गया है। दूसरे डोज में हम 77 प्रतिशत तक पहुंचे हैं। बच्चों को भी जो टीकाकरण हो रहा है वह भी थाेड़ा उठा है, ज्यादा नहीं है। यहां को-वैक्सीन लग रहा है। हो सकता है स्कूल बंद होने से यह कम हुआ हो। अभी स्कूल शुरू होंगे तो सर्वे कर और टीका लगाए जा सकता है। जो प्रोटेक्टिव डोज है वो भी उतना सामने नहीं आ रहा है जितना आना चाहिए। हो सकता है दो डोज के बाद लोगों को फायदे की वजह से लो इसकी जरूरत महसूस नहीं कर रहे हैं।