🟪 महिलाओं के समृद्धि सुरक्षा विकास और स्वालंबन के अवसरों के लिए भी इस बजट में प्रावधान दिया गया, कांग्रेस की भूपेश सरकार ने चौथे बजट में जन अपेक्षाओं को पूरा करने का कार्य किया.
🟪 पौनी, पसारी, पुजारी, बेगा, गुनिया, मांझी, बाजा, बोहैया जैसे परंपरागत व्यवसाय से जुड़े वर्ग को भी शामिल करना समावेशी विकास और सामाजिक न्याय का उदाहरण.
🟪 छत्तीसगढ़ में एपीएस के दंश से पीड़ित तकरीबन 3 लाख कर्मचारी एवं उनके परिवार का भविष सुरक्षित हुआ शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के हित में छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय सराहनीय और स्वागतयोग्य.
🟪 छत्तीसगढ़ राज्य बने 21 साल से अधिक हो गए। अब प्रदेश की आकांक्षाएं कुलांचे मार रही है इस साल वार्षिक बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का होगा लेकिन इसकी कहानी शुरू हुई थी 5 हजार 700 करोड़ रुपए की मामूली राशि से, 2001 में इतनी राशि का पहला बजट आया था.
🟪 भाजपा सरकार में वित्तीय अनुशासन की धज्जियां उड़ाकर बजट का आकार बढ़ता गया, पूर्ववर्ती सरकार का पूरा ध्यान इमारतें बनाने पर था अब जबसे कांग्रेस की नई सरकार आई है, तबसे दिशा बदली है।
🟪 पुरखो ने जिस छत्तीसगढ़ का सपना देखा था सरकार उस दिशा में काम कर रही है छत्तीसगढ़ में 2001 में 5 हजार 700 करोड़ रुपए का पहला बजट आया था, इस बार करीब 20 गुना ज्यादा.
राज्य के संवेदनशील यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए एनपीएस के स्थान पर फिर से पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की घोषणा की है. घोषणा से राज्य सरकार के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नागरिक अभिनंदन की घोषणा की है उक्त बातें जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कही उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस की भूपेश सरकार का बजट समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आमजन की समृद्धि वाला का बजट बताया है |
राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर वित्तमंत्री बुधवार को विधानसभा में चौथे बजट पेश किया बजट का जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा स्वागत किया औऱ बताया कि समावेशी विकास और सामाजिक न्याय ही कांग्रेस की पहली प्राथमिकता है. बजट में सभी वर्गों का पूरा ख्याल रखा गया है महिलाओं की समृद्धि, सुराजी ग्राम योजना, युवाओं के लिए रोजगार मिशन, कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने के साथ ही उद्योग और सेवा के क्षेत्रों पर भी बराबर फोकस दिया गया है. भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए देश की इकलौती योजना की राशि 6000 से बढ़ाकर 7000 रुपए प्रति वर्ष किया जाना और उसमें पौनी-पसारी, पुजारी, बैगा-गुनिया, मांझी, बाजा बोहैया जैसे परंपरागत व्यवसाय से जुड़े वर्ग को भी शामिल करना समावेशी विकास और सामाजिक न्याय का उदाहरण है | शर्मा ने कहा है कि कर्मचारियों की सबसे बड़ी व पुरानी मांग एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना की बहाली करके भूपेश बघेल सरकार ने प्रमाणित किया है कि सरकारी योजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य के कर्मचारियों के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है. सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लिए नए आवास निर्माण के साथ ही बजट में नए पदों का सृजन भी किया गया है. पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में 50 से 70 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की गई है. विधायक निधि दो करोड़ से बढ़ाकर सीधे चार करोड़, रोजगार मिशन के लिए दो हजार करोड़ का प्रावधान शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि के साथ ही कौशल विकास में नवाचार का संकल्प इस बजट में प्रमाणित है.
शर्मा ने कहा कि महिलाओं के समृद्धि, सुरक्षा, विकास और स्वावलंबन के अवसरों के लिए भी इस बजट में प्रावधान है. सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने, नए स्कूल कॉलेज खोलने, अतिरिक्त भवन की व्यवस्था, समाज कल्याण के मेदो में बजट का पर्याप्त प्रावधान कुल मिलाकर भूपेश बघेल सरकार के चौथे बजट में जन अपेक्षाओं को पूरा किया है, अपने वादों पर खरी उतरी है।