नवा रायपुर के 27 गांवों के किसानों को रोकने तगड़ी बैरिकेडिंग, धारा-144 भी लागू

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इधर किसान पीछे हटने के मूड में नहीं

नवा रायपुर के प्रभावित 27 गांवों के किसानों को रोकने दिल्ली जैसी तगड़ी बैरिकेडिंग

रायपुर: नवा रायपुर के प्रभावित किसान आंदोलन से पीछे हटने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। 27 गांवों के किसानों ने आज मंत्रालय तक मार्च की घोषणा की। किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार की चिंता बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने आंदोलन स्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने मंत्रालय और आसपास के क्षेत्रों में धारा 144 घोषित कर दिया है।

बता दें कि नवा रायपुर विकास प्राधिकरण भवन के सामने पिछले 67 दिनों से किसान आंदोलन पर डटे हुए हैं. किसानों को रोकने के लिए नवा रायपुर की सड़कों पर दिल्ली किसान आंदोलन के दिनाें जैसी बैरिकेडिंग की गई है। राखी थाना चौक से मंत्रालय महानदी भवन और सचिवालय इंद्रावती भवन परिसर तक, पुलिस मुख्यालय चौक से मंत्रालय-संचालनालय भवन तक, शीतला मंदिर चौक से मंत्रालय- संचालनालय भवन तक और पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौक से मंत्रालय- संचालनालय भवन तक 4 से अधिक लोगों के इकट्‌ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नवा रायपुर में कैपिटल कॉम्प्लेक्स की ओर जाने वाली सड़कों को बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया है।

गुरुवार शाम कलेक्टर सौरभ कुमार और पुलिस अधीक्षक भी एनआरडीए भवन पहुंचे। आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा की। किसानों ने कहा, वे शुक्रवार को अपील आवेदन फॉर्म लेकर मुख्य सचिव को सौंपने मंत्रालय जाएंगे। अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि बीच में ही कोई सक्षम अधिकारी किसानों से अपील फॉर्म लेकर सरकार तक पहुंचा देगा। किसानों को मंत्रालय तक नहीं जाने दिया जाएगा।

आंदोलनकारियों ने मुख्य सचिव के साथ किसान प्रतिनिधियों की बैठक कराने की मांग की। उनका कहना था, जहां पर किसानों को रोका जाए वहां पेयजल और छांव की व्यवस्था की जाए। नवा रायपुर बनाने के लिए हुए अधिग्रहण से प्रभावित गांवों के लोग 3 जनवरी से 8 मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। इनमें से अधिकांश मांगों पर पूर्ववर्ती सरकार के समय सहमति के बावजूद काम नहीं हुआ था। अभी सरकार कह रही है कि वे छह मांगों पर काम शुरू कर चुके हैं, जबकि किसान इसे अधूरा बता रहे हैं।

30 किसान नेताओं को शांति भंग का नोटिस

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, अधिकारी आंदोलन में शामिल 30 से अधिक लोगों पर धारा 107 और 116 यानी शांति भंग का नोटिस तामील कराने आए थे। इस पर प्रशासनिक अधिकारी मौन बने हुए हैं। इसका कारण नहीं बताया गया है।