बेहतर वित्तीय प्रबंधन से छत्तीसगढ़ में इस वर्ष राजस्व सरप्लस की स्थिति

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पिपरिया, कुंडा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद और सरगांव में नई तहसील की घोषणा

अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में

रायपुर/ छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज चर्चा के बाद 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा] छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है। राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है और वित्तीय घाटा भी बेहतर वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन से लगातार कम किया जा रहा है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में राजस्व सरप्लस की स्थिति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई, लेकिन बेहतर वित्तीय प्रबंधन के चलते हम कम ऋण भी ले रहे हैं। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इस वर्ष लिया है। चालू वर्ष में केवल एक हजार करोड़ का शुद्ध ऋण लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार सर्वजन हिताय- सर्वजन सुखाय की भावना के साथ काम करते हुए प्रदेश के किसानों, आदिवासियों युवाओं, महिलाओं, मजदूरों के हित में प्रारंभ की गई योजनाओं को पूरा करेगी और मितव्ययता को अपनाते हुए अनुत्पादक व्ययों में कमी लाने का हर संभव प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा नवीन तहसीलों के गठन की मांग पर सदन में कबीरधाम जिले में पिपरिया और कुंडा, कोरिया जिले में बचरापौड़ी, बलरामपुर में चलगली, जांजगीर-चांपा जिले में हसौद और मुंगेली जिले में सरगांव में तहसील के गठन की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को अधिमान्यता के नवीनीकरण में होने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए अधिमान्यता नियम में संशोधन करने तथा अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में करने की घोषणा की।

केंद्रीय करों में कमी के कारण लिया ऋण

मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षो में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ रूपए की कमी तथा कोविड आपदा के कारण राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य सरकार को ऋण लेना पड़ा। राज्य सरकार द्वारा केवल 33 हजार 886 करोड़ रूपए का शुद्ध ऋण लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में पूंजीगत व्यय हेतु 13,839 करोड़ का प्रावधान था, जो पुनरीक्षित अनुमान में बढ़कर 14,191 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 के बजट में 15,241 करोड़ रखा गया है। इसी प्रकार वित्तीय घाटा भी लगातार कम किया जा रहा है।