कहीं पामभोई कांड़ न हो जाए बीजापुर विधानसभा में, गागड़ा की खुलेआम मदद की थी कांग्रेसियों ने

0
101

संगठन पहले ही ऐसे लोगों को करें बेदखल

जगदलपुर। कांग्रेस पार्टी में एक-दूसरे को निपटाने का खेल वर्षों से जारी है। बीजापुर विधानसभा क्षेत्र भी अपवाद नहीं है, यहां जोगी गुट के नेता होने के कारण राजेंद्र पामभोई को निपटाया गया था और महेश गागड़ा की खुलेआम सहायता की गई,ऐसी ही पुनर्रावृत्ति फिर विक्रम शाह मंडावी के साथ हो जाए तो हैरानी नहीं होगी यदि बीजापुर सीट कांग्रेस को बचाना है तो महत्त्वकांक्षी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।

विगत दिनों भाजपा प्रदेश प्रभारी पुरेंदश्वरी जब बीजापुर जिले के प्रवास पर आई थी तो जो बीज वह बोकर गई है, उसका सूत्र पात लगातार हो रहा है। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा विधायक विक्रम शाह मंडावी पर कोई ना कोई नया आरोप लगा रहें हैं जिसके कारण कांग्रेस पार्टी की छिछालेदर हो रही है जिसके कारण यह मानकर चला जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के असंतुष्ट तीन वर्षों के विधायक के किए गए एक एक कार्य का ब्यौरा विपक्षी पार्टी को उपलब्ध करा रहें हैं। एक समय था जब बीजापुर कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करता था किंतु स्वार्थवश वहां के नेताओं ने राजेंद्र पामभोई को निपटाने के लिए खुलाघात किया जिसकी वजह से 10वर्षो तक भाजपा का झंडा बुलंद हुआ और लगभग 5 वर्षो तक कांग्रेसी घी में डुबकी लगाने से भी नहीं चूके। अभी वर्तमान में बीजापुर में विधायक मंडावी का बोलबाला चल रहा है तो कांग्रेसी अघोषित रूप से भाजपाई बनते जा रहें जिसके कारण कांग्रेस भी अज्ञातवास में जा सकती है।

ज्ञात हो कि 2023 के लिए कांग्रेस जिस विधानसभा क्षेत्र को सेफ जोन मान रही थी किंतु कुछ गलतियों के कारण यह सीट हाथ से ना चले जाए इसके लिए कांग्रेस संगठन को ठोस कदम उठाने चाहिए जिसके लिए संगठन स्तर पर फेरबदल से भी गुरेज नहीं करना चाहिए।