सीएम भूपेश पिछड़ा वर्ग समाज से घोषणा पत्र में किया वादा करें पूरा, पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन में मुख्यमंत्री का बहिष्कार, जनता के आक्रोश से पता चलता है कैसे छले गए है लोग
आदिवासी समाज बहुल जिलो के अधिकारी आदिवासियों प्रमुखों से मिलने तक नहीं तैयार, प्रदेश की कानून व्यवस्था कटघरे में
जगदलपुर – जगदलपुर के लालबाग मैदान में हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल के बहिष्कार पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर झूठ के सहारे प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता श्री कश्यप द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश की आम जनता अब भली भांति समझ चुकी है उनके साथ छलावा हुआ है, चुनाव के पूर्व जारी कांग्रेस द्वारा जारी जनघोषणा पत्र में केवल झूठ और झूठ बोला गया था जिसको पूरा करने अब कांग्रेस के पास कोई जवाब नही है। सीएम की झूठ-फरेब की राजनीति लोग समझ चुके हैं।पहले इन्होंने 27% आरक्षण के लिये अध्यादेश लाया,उसमें जान बूझ कर कानूनी कमियाँ छोड़ दी गयी। बाद में इसमें याचिका लगवाकर स्टे लगवा दिया गया। बाद में भूपेश बघेल की सरकार ने याचिका लगाने वाले को कबीर शोध पीठ का अध्यक्ष बनाकर लाभ का पद से सुशोभित किया प्रदेश की जनता सब भलीभाती समझती हैं।
पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कश्यप ने आगे कहा जनता अब खुलकर सामने आ रही है जिसका परिणाम मुख्यमंत्री के बस्तर प्रवास पर खुलकर नजर आया लालबाग में आयोजित पिछड़ा वर्ग महासम्मलेन में आम जनता के द्वारा खुलेआम बहिष्कार से साबित करता है किस कदर सभी वर्गों में नाराजगी है।
आदिवासी समाज पर भूपेश की लाठी और गोली
पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कश्यप जी ने कहा की सुकमा, बीजापुर, कट्टे कल्याण(दंतेवाड़ा) और नारायणपुर में आदिवासी समाज शांतिपूर्ण तरीके से अपनी जायज मांगों को लेकर हजारों की संख्या में जिला कार्यालय में पहुंचे आदिवासी समाज पर भूपेश बघेल की सरकार ने समाज प्रमुखों, महिलाओं पर बर्बरतापूर्वक लाठी भाजना दुर्भाग्यपूर्ण है यह सरकार की कार्यपद्धति पर प्रश्न चिन्ह है, भूपेश बघेल को आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिए। हाल के दिनों में नारायणपुर के भरणाडा में कथित पुलिस ने युवा होनहार आदिवासी पर गोली चला कर नक्सली घोषित करने की सरकार ने भरसक कोशिश की परंतु विरोध के पश्चात पुलिस ने स्वीकार किया की मानुराम नूरेटी नक्सली नहीं आदिवासी था, हत्या के लगभग 2 महीने बीतने के बाद भी पीड़ित परिवार को ना मुआवजा मिला और ना ही सरकारी नौकरी और भूपेश बघेल up में 50 लाख बांट के आ रहे हैं,इससे आदिवासियों के प्रति कॉग्रेस सरकार संवेदना शून्य प्रतीत होती हैं।
भूपेश बघेल कहते है की प्रशासन को टाइट किया है ताकि आदिवासियो को गोली मारा जाए लाठी बरसाया जाय, हाल में ही नारायणपुर के आदिवासियों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया जो कि निंदनीय है यँहा सरकार अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति निर्मित कर रही है।और इतना सब होने के बाद भी सरकार मे बैठे लोग चुप्पी साधे बैठे हैं ।