टिकैत बोले- आंदोलन को कुचलने का प्रयास गलत, नया रायपुर का आंदोलन दिल्ली से कमजोर नहीं

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किसानों की मांग को जायज, सरकार से बातचीत के बाद आगे निर्णय

रायपुर। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, हम लोग आंदोलन का हिस्सा हैं। किसानों का कई महीनों से आंदोलन चल रहा है, उनका समाधान कराएंगे। 27 गांव के किसानों की जमीन प्रभावित है। उन्होंने कहा, इस आंदोलन को कुचलने का प्रयास गलत है। यह परंपरा नहीं होनी चाहिए। प्रशासन को समझ आ गया कि लोग इकट्ठे होने वाले हैं, तब परमिशन धरने की दी गई। प्रेशर से आंदोलन खत्म नहीं होता। आंदोलन खत्म होता है बातचीत से। नया रायपुर का आंदोलन दिल्ली से कमजोर नहीं है। दिल्ली बॉर्डर की तरह लंबा आंदोलन चला सकते हैं।

नया रायपुर के किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे टिकैत ने चर्चा में कहा, हम लोग आंदोलन का हिस्सा है। जमीन अधिग्रहण या कोई योजना तो पूरे देश के लिए होती है। सिर्फ 27 गांव के किसानों की जमीन को अधिग्रहण करने के लिए योजना थोड़े ही होती है। ऐसे तो 27 गांवों के किसानों की जमीन चली जाएगी। 27 गांवों के किसानों को उनकी जमीन के बदले उचित मुआवजा देने की मांग की है। नवा रायपुर में 115 दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है। रायपुर के अटल नगर में पुनर्वास और व्यवस्थापन की मांग को लेकर, प्रभावित किसानों का आंदोलन 3 जनवरी 2022 से लगातार जारी है। यहां 27 गांव के किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि नया रायपुर के 27 गांवों को जो नगरीय क्षेत्र घोषित किया गया है। उस अधिसूचना को रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को दूर करने का हमारा प्रयास रहेगा, कोशिश होगी सरकार से बातचीत करके समस्या का हल निकालें।

किसानों की जमीन बाजार रेट पर खरीदी जाए

उन्होंने कहा, महंगाई बहुत बढ़ गई है। जिस रेट में जमीन थी। आज उसमें रहने के लिए मकान भी नहीं मिलेगा। सरकार को बाजार रेट पर जमीन खरीदना चाहिए। टिकैत ने किसानों की मांग को जायज ठहराया। उन्होंने कहा, अभी तो आंदोलन के 115 दिन हुए हैं। अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो आंदोलन आगे भी चलेगा। टिकैत ने कहा कि, राज्य सरकार किसानों के लिए योजनाएं चला रही है। वह अलग है और इन 27 गांव के किसानों की मांग अलग है। इसे राज्य सरकार को पूरा करना चाहिए।

मृतक किसान के परिजनों से की मुलाकात

छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में राकेश टिकैत बुधवार को रायपुर पहुंचने के बाद नवा रायपुर के किसानों के धरना स्थल जाकर आंदोलन में शिरकत की। उन्होंने नवा रायपुर में चल रहे आंदोलन के बीच मरने वाले किसान सियाराम के परिजनों से मुलाकात की। सियाराम पैदल यात्रा में शामिल हुए थे और अचानक तबियत बिगड़ने से उनकी बीच रास्ते में ही मौत हो गई थी। उन्होंने सियाराम के बेटे से मुलाकात की। उनके साथ गांव की स्थिति और जमीन के अधिग्रहण की जानकारी ली।

सरकार और किसान संगठनों से करेंगे चर्चा

राकेश टिकैत ने कहा, अगर नया रायपुर बन रहा है, तो वहां के विकास का फायदा किसानों को मिलना चाहिए। अपने छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर उन्होंने बताया कि वो यहां दो दिनों के लिए आए हैं। आने से पहले सरकार को मैसेज भेजा है कि हम दो दिन रहेंगे सरकार से भी बात करेंगे, किसान संगठन से बात करेंगे। नवा रायपुर में आंदोलनरत किसानों को बलपूर्वक हटाने को टिकैत ने गलत बताया उन्होंने कहा कि बातचीत होनी चाहिए समाधान ताकत के इस्तेमाल से नहीं होगा।