गुरुर-बालोद:छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना गुरूर ब्लाक संयोजक झम्मन लाल हिरवानी ने छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल मे हो रहे अप्राकृतिक रुप से वनो की कटाई पर टिप्पणियां देते हुये कहा कि प्रकृति जल जंगल जमीन हमारे लिए वरदान है। इसको संभाल कर रखना हमारे नैतिक जिम्मेदारीयां है। शायद छत्तीसगढ़ शासन को पता नही होगा कि प्रकृति से छेड़छाड़ करने की अंजाम मानव समाज ही नही बल्कि सम्पूर्ण जीव जगत मे छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश की आम जनता को इसकी खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।
झम्मन लाल हिरवानी के बताया कि मौजूदा छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार ने 06 अप्रैल 2022 को एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके तहत, हसदेव क्षेत्र में स्थित परसा कोल ब्लॉक परसा ईस्ट और केते बासन कोल ब्लॉक का विस्तार होगा.काँग्रेस सरकार की सीधी सी बात इतनी है कि जंगलों को काटा जाएगा और उन जगहों को पर कोयले की खदानें बनाकर कोयला खोदा जाए । ज्ञात हो कि विशाल पैमाने पर विस्तृत हसदेव अरण्य में ही पौराणिक काल में ऋषि मुनि ने उसी जंगलो में बैठकर तपस्या किया करते थे।
घर बैठे Amazon के साथ ऑनलाइन शॉपिंग करें, स्पेशल ऑफर के साथ लिंक क्लिक करें
https://36bestonlinesale.com/home
पहले पृथ्वी के बहुत बड़े हिस्से में वन को गिना जाता था। परन्तु दुर्भाग्यवश अब इस तकलिफ है कि कांग्रेस सरकार ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए वनो को पहले से ही काटना शुरू कर दिया है। हसदेव के जंगलो मे बहुत से विशाल अमूल्य वृक्षों को कांटा जा रहा है। छत्तीसगढ सरकार द्वारा अमूल्य वन संपदाओं को छेड़ छाड़ कर रहे है जो उचित नहीं है । तथा जंगलो को निजीकरण कंपनियों को बेचने की तैयारी कर रहे हैं जो गलत है । कई अमूल्य पेड़ो को कांट रहे है,जिसकी छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना खुल कर विरोध करेगा। उन्होने कहा कि हसदेव अरण्य मे प्रकृति के साथ हो रहे अत्याचार को क्रांति सेना कदापि बर्दाश्त नही करेगा। जल जमीन जंगल तक लड़ाई जमीनी स्तर पर लड़ेगा । वनो को सहज कर रखना बेहद आवश्यक है, क्योकि यह हमारी प्राकृतिक पूंजी है।