हरा सोना के संग्राहक राशि पाने ठेकेदार का लगा रहे चक्कर

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जगदलपुर/सुकमा। सुकमा वन मंडल के कोंटा परिक्षेत्र में तेंदूपड्डाा के ठेकेदार ने वन विभाग के आदेशो को दरकिनार कर अवैध फड़ संचालित कर खरीदने से लेकर परिवहन में भी मनमानी की गई है। अवैध ढंग से हरा सोना खरीदी से शासन को मिलने वाले लाखों के राजस्व की चपत लगने की खबर है। अब नक्सल प्रभावित इलाके से आधा दर्जन गांव के दर्जनों संग्राहक भुगतान को लेकर सप्ताह दिनों से ठेकेदार का चक्कर लगाते फिर रहे है। वहां के पत्रकार ने संग्राहको के हित को लेकर आवाज उठाई तो ठेकेदार ने झूठी शिकायत कर दिया। पुलिस ने झूठी शिकायत पर तत्परता दिखाते हुए पत्रकार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर तक दर्ज कर दी। ज्ञातव्य हो कि सुकमा वन मंडल तेंदूपड्डाा खरीदी एवं भुगतान को लेकर हमेशा विवादों में रहा है जिसका मुख्य कारण यह है कि वन विभाग के कुछ कर्मचारी नियम कायदों को ताक में रखकर ठेकेदारों से सांठगांठ कर ठेकेदार की भाषा बोलने लगते है जिससे शासन को भी लाखों-करोड़ों के राजस्व की हानि उठानी पड़ती है। शासन के खाते में पहुंचने वाला राजस्व का आधा से अधिक हिस्सा ठेकेदार को शुद्ध फायदे के तौर पर पहुंचता है और 25 से 30 फिसदी राशि का ठेकेदारों से सांठगांठ करने वाले शासकीय सेवक के बीच बंटता है। अवैध फड़ संचालन पर गंभीरता से वन विभाग रोक लगाती तो राजस्व सीधा शासन को प्राप्त हो सकता था ऐसा ही मामला कोंटा परिक्षेत्र का है।

दर्जनों संग्राहको को नहीं मिला भुगतान :

जानकारी के अनुसार कोंटा अ एवं एर्राबोर अ एवं ब समिति में हरा सोना की खरीदी स्थानीय ठेकेदार द्वारा वन विभाग से की जा चुकी है। जानकारी के अनुसार आसरीगुड़ा, बिरला, मेटागुड़ा, मुलाकिसोली एवं अन्य गांवों के संग्राहकों से खरीदी की गई है। विभाग द्वारा उक्त ठेकेदार को 2200 से 2500 रूपए मानक बोरा तेंदूपत्ता की बिक्री की जा चुकी है। विशेष सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि जितनी खरीदी शासकीय खरीदी बताया गया है उससे 4 गुना अधिक हरा सोना की खरीदी अवैध फड़ संचालित कर किए जाने की खबर है। इन गांव के लगभग दर्जनों संग्राहको को आधी राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। उन इलाकों के संग्राहक राशि भुगतान को लेकर ठेकेदार का सप्ताह-पंद्रह दिनों से चक्कर लगाते फिर रहे है। वन विभाग के नुमाईंदे इन संग्राहको की सुध तक नहीं ले रही है जबकि सभी जानकारी वन विभाग को है।

ग्रामीणों का हितैषी बनना पत्रकार को भारी पड़ा:

तेंदूपड्डाा के हो रहे अवैध परिवहन एवं संग्राहकों के भुगतान नहीं होने की खबर स्थानीय पत्रकारों मिली थी वह मामले की पड़ताल करने एवं ग्रामीणों की समस्या से अवगत होने पहुंचे थे लेकिन संग्राहकों का भला करने का प्रयास करना पत्रकार को भारी पड़ा और थाने से लेकर न्यायालय तक की दौड़ लगानी पड़ी। न्यायालय से पत्रकार को राहत मिली। पत्रकार के खिलाफ फर्जी शिकायत: कोंटा के एक पत्रकार मेटागुड़ा के समीप संग्राहको के भुगतान को लेकर रिपोटिंग करने पहुंचा था और मामले की सत्यतता को प्रकाशित की गई थी। सच्चाई उजागर करना हरा सोना के ठेकेदार को रास नहीं आया और कोंटा थाने में झूठी शिकायत दर्ज करा दी। वहां के पुलिस ने बड़ी तत्परता दिखाते हुए पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी करने की कार्रवाई भी शुरू कर चुकी थी। पत्रकार पर वाहन में तोडफ़ोड़ की झूठी शिकायत की गई थी। उक्त वाहन मालिक से जब वाहन में तोडफ़ोड़ के संबंध में पूछने पर बताया कि किसी प्रकार की कोई तोडफ़ोड़ नहीं की गई है।

तेंदूपत्ता खरीदी में भारी अनियमितता :

सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने भी आरोप लगाया है कि कोंटा इलाके में तेंदूपड्डाा खरीदी में भारी अनियमितता हुई है जिसकी जांच कराने को लेकर सुकमा डीएफओ से मांग की है। संग्राहक को भुगतान नहीं होने पर अधिकारियों से शीघ्र भुगतान करवाने की मांग की है।

ठेकेदार को शीघ्र भुगतान करने के दिए निर्देश:

कोंटा एसडीओ ध्रुव ने बताया कि शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि संबंधित ठेकेदार को भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।