कोरोना रक्षक पालिसी के 5 लाख रूपए अदा करेगी बीमा कंपनी

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  • दो बीमित लोगों ने जिला उपभोक्ता आयोग में दायर किया था मामला
  • बीमा कराने के बाद कोरोना की चपेट में आ गए थे दोनों शख्स

जगदलपुर कोरोना रक्षक बीमा कराने वाले महिला और पुरुष कोरोना महामारी की चपेट में आ गए, लेकिन क्लेम करने के बाद भी बीमा कंपनी ने बीमा राशि का भुगतान नहीं किया। जिला उपभोक्ता आयोग जगदलपुर ने बीमा कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए निर्देशित किया है कि बीमा कंपनी बीमित दोनों लोगों को क्लेम की राशि 5 लाख रुपए के साथ ही मानसिक क्षति और वाद व्यय के लिए अतिरिक्त 13हजार रुपए का भुगतान मय ब्याज करे। जिला उपभोक्ता आयोग जगदलपुर ने एक प्रकरण में बीमा कंपनी को कोरोना रक्षक पॉलिसी की राशि 5 लाख रूपए तथा इस राशि पर दावा निरस्त किए जाने की तिथि से 7 प्रतिशत की दर से ब्याज, मानसिक क्षति हेतु 10हजार रुपए एवं परिवाद व्यय की राशि 3 हजार रुपए आवेदकों अदा करने का आदेश पारित किया है। कोंडागांव निवासी शिल्पा गुप्ता एवं राजकुमार गुप्ता ने स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी से कोरोना रक्षक पॉलिसी के तहत अपना ढाई – ढाई लाख रु. का बीमा करवाया था। ये दोनों लोग कोविड-19 के दौरान कोरोना से ग्रस्त होकर अस्पताल में भर्ती रहे। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद दोनों को होम कोरेंटाइन में रखा गया था। स्वस्थ होने के बाद दोनों बीमित व्यक्तियों ने जब बीमा कंपनी के समक्ष दावा प्रस्तुत किया, तो बीमा कंपनी ने क्षतिपूर्ति राशि देने से इंकार कर दिया था। इससे क्षुब्ध होकर दोनों व्यक्तियों ने जिला आयोग के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की थी। जिला आयोग ने माना है उपरोक्त पॉलिसी कोविड-19 से संबधित है और बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसी वैध एवं प्रभावी रहने के बावजूद आवेदकों को बीमा की राशि 5 लाख अदा न कर सेवा में कमी एवं व्यवसायिक कदाचरण किया है। जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल, सदस्य आलोक कुमार दुबे और सीमा गोलछा की संयुक्त खंडपीठ ने उक्ताशय का आदेश पारित किया है।