तेलुगु कल्चरल एसोसिएशन ने डीआरएम से सौजन्य भेंट कर जन सुविधा संबंधी ज्ञापन सौंपा

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किरंदुल – लौह नगरी किरंदुल की सामाजिक संस्था तेलुगु कल्चरल एसोसिएशन ने किरंदुल नगर वासियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे डीआरएम को विभिन्न मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है। उनकी मुख्य मांगों में सर्वप्रथम हीराकुंड एक्सप्रेस को किरंदुल तक चलाए जाए। जिससे कि किरंदुल के नागरिक इस सुविधा का लाभ उठा सके। दूसरी मांग में नगर वासियों के लिए सबसे बड़ी समस्या रेलवे लाइन के ऊपर फुटओवर ब्रिज का ना होना है। जिसके कारण विभिन्न वार्डों में रहने वाले स्कूली बच्चे स्कूल जाते समय जान जोखिम में डालकर पटरियों को पार कर स्कूल जाते हैं। जिससे खतरनाक हादसा होने की संभावना बनी रहती है। ज्ञातव्य हो कि बच्चों के स्कूल जाने के लिए यही एक शॉर्टकट रास्ता है। अन्यथा स्कूल जाने के लिए घूम कर कम से कम 4 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। इसलिए सभी बच्चे इस आधा किलोमीटर के रास्ते को चुनते हैं। तेलुगु कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने डीआरएम के समक्ष इस समस्या को रखते हुए तत्काल फुट ओवरब्रिज बनवाने की मांग की है। जिसे डीआरएम द्वारा अति शीघ्र पूरा करने की बात कही गई है। किरंदुल से विशाखापट्टनम चलने वाली एक्सप्रेस आए दिन बंद कर दिया जाता है जिसे निर्बाध चलाने की मांग भी तेलगु कल्चरल एसोसिएशन के द्वारा की गई। इस संबंध में डीएम ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से समय-समय पर ट्रेन की आवाजाही अल्प समय के लिए बंद की जाती है। फिर भी हमारी कोशिश होगी कि इस सेवा को हम निर्बाध व निरंतर चलाने का प्रयास करेंगे। साथ ही एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन के प्रत्येक बोगियों में सफाई ना के बराबर होती है कूड़ा कचरा चारों तरफ बिखरा होता है। इस संबंध में डीआरएम ने कहा कि ऐसी स्थिति में आप तत्काल रेलवे को सूचित करें, उस पर कार्रवाई करते हुए तुरंत समस्या का निदान किया जाएगा। इसके साथ ही डीआरएम ने नगर वासियों को जल्द ही एक सौगात देने की सूचना दी है कि जल्द ही किरंदुल से विशाखापटनम जाने वाली ट्रेनों में विशटो डाउन नामक बोगियां जोड़ी जाएगी। जो कि पूर्ण रूप से पारदर्शक होगी यानी कि यह बोगियां कांच की बनी होगी। जिससे मुसाफिर किरंदुल से विशाखापटनम जाने वाली प्रत्येक वादियों का नजारा का लुफ्त उठाते हुए सफर कर सकेंगे।आज के सौजन्य भेंट में तेलुगु कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष गणपत नायडू, देवरायालु सन्मुख राव, आर चंद्रशेखर, राजू एवं अन्य साथी उपस्थित थे।