संजय बैस ने लिखा कलेक्टर को पत्र, घेराव एवम चक्काजाम की चेतावनी

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दल्लीराजहरा- जनपद पंचायत सदस्य संजय बैंस कुसुमकसा क्षेत्र के द्वारा स्थानीय एसडीएम मनोज मरकाम को जिला कलेक्टर के नाम पत्र सौपते कहा की कुसुमकसा के सब स्टेशन जम्ही में 17 गांव आते हैं जिसकी कुल जनसंख्या लगभग 30000 है जिसमें बिजली उपभोक्ता की संख्या 5000 होगें और लगभग एक माह से इस सब स्टेशन बिना लाईन मेन के चल रहा है और दिन में कई बार अघोषित बिजली कटौती हो जाती है जिसे सुधारने के लिए स्टॉफ की कमी का हवाला दिया जाता है और रात में बिजली की कोई समस्या आने पर कोई भी स्टॉफ नहीं रहता जिससे ग्रामिणों को रतजगा करना पड़ता है।

कुसुमकसा क्षेत्र के कई गांवों में बिजली के खंबे गिरने की स्थिति है जिसे क्षेत्र के जन प्रतिनिधि अवगत कराने पर भी इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया जाता। एसडीएम से कहा गया की शिघ्र ही लाईन मेन की नियुक्ति कर अघोषित बिजली कटौती को बंद करें एवं अंचल के क्षतिग्रस्त बिजली खंबों को दुरूस्त करें। यदि दिशा में बाजिब पहल नहीं होने से सोमवार दिनांक 22 अगस्त को जम्ही सब स्टेशन का घेराव एवं 23 अगस्त को कुसुमकसा बंद व चक्का जाम किया जायेगा। पत्र सौंपते समय उपसरपंच कुसुमकसा दीपक यादव,उपसरपंच गिधाली टिकेंद्र साहू, एवम डॉक्टर नसीम खान उपस्थित थे।

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मोदी सरकार की सौभाग्य योजना की उड़े रही धज्जियां

केंद्र में बैठी मोदी सरकार कि सौभाग्य योजना का मकसद अंतिम छोर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाकर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी इलाकों में गरीब परिवारों तक बिजली पहुंचाना है, परंतु कुसुमकसा क्षेत्र में मोदी सरकार की सौभाग्य योजना की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।फिलहाल बारिश का मौसम चल रहा है। आंधी तूफान, पेड़ लगातार गिर रहे है, गर्मी आने में अभी समय है, कुसुमकसा क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आया है। जिसके कारण बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। स्थानीय विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी बिगड़ी हुई बिजली व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।


जिससे लगने लगा है कि अगर बिजली व्यवस्था का ऐसा ही हाल रहा तो आने वाली बारिश एवम गर्मियों में एक बार फिर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कुसुमकसा क्षेत्र से लगे सभी ग्राम पंचायत में मनमाने समय पर बिजली गुल होने से लोग परेशान हैं। हालात ऐसी हैं कि कहीं दिन व रात में 2-3 बार तो कहीं 7-8 बार बिजली गुल हो रही है। शहर में तो कभी आधे-आधे घंटे बिजली गुल रहती है। बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली व्यवस्था मुहैया कराए जाने की बातें जरुर करती है लेकिन, देखा जा रहा है कि आसपास कई ग्रामीण क्षेत्रों की रात अंधेरे में गुजरती है। जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था बदहाल है लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।

बिजली गुल से ई-पंचायत की योजना भी प्रभावित

पंचायतों को ई-पंचायत बनाने और यहां होने वाले काम को आनलाइन और पारदर्शी बनाने खरीदे गए कंप्यूटर बार-बार के बिजली गुल से बंद हो जाते हैं। पंचायत कर्मी और ग्रामीणों को अपने कामों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। मनरेगा और शासन की अन्य योजनाओं के होने वाले आनलाइन काम बिजली गुल के कारण महज दिखावा साबित हो रहे है।

काम करने में होती है परेशानी नाम न छापने के शर्त पर मुख्यालय के करीब एक ग्राम पंचायत के सचिव ने बताया कि हमारे क्षेत्र में बहुत ज्यादा बिजली गुल होती है। कटने का कोई समय तय नहीं है। जिसके चलते हम पंचायत के काम नहीं कर पाते। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बोर से लोगों को पेयजल आपूर्ति में बाधा हो रही है।

कुसुमकसा क्षेत्र में बिजली व्यवस्था सुधारने हेतु तत्काल निर्देशित किया गया है।