अग्निवीर के तौर पर भर्ती हेतु मार्गदर्शन देने आगे आये नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर

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जगदलपुर : सेना की नई भर्ती योजना अग्निपथ के अंतर्गत पूरे भारतवर्ष में भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। छत्तीसगढ़ में भी सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ के अंतर्गत अग्नि वीरों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। इसे ध्यान में रखते हुए नौसेना के सेवा निवृत्त कमांडर संदीप मुरारका ने मीडिया से हुई विस्तृत चर्चा में बताया कि अग्निपथ योजना के तहत छत्तीसगढ़ में भी भर्ती की तारीख आ गई हैं जो कि 13 नवंबर से 22 नवंबर है। नया रायपुर में होने जा रहे अग्निवीरों के तौर पर भर्ती के लिए लिए अभ्यर्थियों को ऑनलाइन फार्म भरना है, जिसकी तारीख 5 अगस्त से 3 सितंबर तक है। कोई भी युवा जो की 17.5 से 23 साल की उम्र के बीच का है और जो आठवीं पास या उसके ऊपर की पढ़ाई किया है वह इस भर्ती के तहत ऑनलाइन फॉर्म भर सकता है। ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए उसको  भारतीय सेना की वेबसाइटwww.joinindianarmy.nic.in में जाना होगा और वहां अपनी जानकारी भरनी होगी और जो भी  दस्तावेज पूछा जाएगा वह दस्तावेज वहां पर अपलोड करना होगा और फिर वहां उनका फॉर्म सबमिट हो जाएग। इसके बाद उनको एक एडमिट कार्ड 1 नवंबर से 5 नवंबर के बीच आएगा  जो कि उनके भरे  हुए रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर आएगा। जिसका उनको प्रिंट आउट निकाल कर भर्ती वाले दिन एडमिट कार्ड में लिखे हुए स्थान और तारीख पर बाकी दस्तावेज लेकर जाना होगा। उन्होंने बताया कि यह योजना अभी महिलाओं के लिए नहीं है पर महिलाओं के लिए भारतीय सेना की मिलिट्री पुलिस मे भर्ती निकली है। जिसका नोटिफिकेशन अलग से है और उस योजना के अंतर्गत महिलाएं भी भारतीय सेना में  भर्ती  के लिए ऑनलाइन फॉर्म भर सकती है। जिसकी अंतिम तिथि 7 सितंबर है। अग्निवीर योजना के तहत जो भर्ती होगी वह 4 साल के लिए होगी और 4 साल बाद अग्निवीर को एक सेवा निधि पैकेज मिलेगा जो कि लगभग 11 से 12 लाख के बीच होगा। अग्निवीर जब तक सेवा में रहेंगे तब तक उनको मेडिकल और कैंटीन  सुविधा भी मिलेगी। अग्निवीरों के पैकेज पर प्रकाश डालते श्री मुरारका ने बताया कि अग्नि वीरों को सेवा के पहले साल हर महीने ₹30000 मिलेंगे। सेवा के दूसरे साल हर महीने ₹33000 मिलेंगे। सेवा के तीसरे साल हर महीने ₹36500 मिलेंगे और सेवा के आखिरी साल हर महीने ₹40000 मिलेंगे। इसके अलावा उनको साल में 30 दिन की छुट्टी मिलेगी और और बीमार पड़ने पर भी चिकित्सकीय सलाह के मुताबिक़ छुट्टी मिलेगी। इसके अलावा उनके पोस्टिंग के हिसाब से उनको रिस्क भत्ता, कठिनाई भत्ता, राशन भत्ता, वर्दी भत्ता और  48 लाख का जीवन बीमा भी मिलेगा। सेवानिवृत्ति के समय उनको एक अग्निवीर स्किल सर्टिफिकेट मिलेगा जिसमें उन्होंने 4 साल से सेना में क्या-क्या काम किया उसकी जानकारी होगी और यह सर्टिफिकेट उनको बाहर नौकरी दिलवाने में मदद करेगा। जो आठवीं और  दसवीं पास  भर्ती वाले होंगे उनको 4 साल सेना में पूरे करने के बाद क्लास 12th सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। सेवा के दौरान उनके अच्छे कामों को ध्यान में रखते हुए उनको सम्मान और इनाम भी दिया जाएगा। भर्ती के लिए वांछित मापदंडों की जानकारी देते बताया कि भर्ती के लिए जो न्यूनतम  ऊंचाई होनी चाहिए वह है 168 सेंटीमीटर, वजन कम से कम 50 किलोग्राम और सीना 77 सेंटीमीटर होना चाहिए। बस्तर के युवाओं के लिए इस योजना को बेहतर अवसर बताते उन्होंने कहा कि 17.5 साल से 23 साल उम्र के जो भी युवक हैं फिर चाहे वह स्कूल में हो या कॉलेज में हो या पढ़ाई पूरी  हो गई हो या पढ़ाई बीच में छोड़ दी हो,  अभी नौकरी कर रहे हो या कुछ नहीं कर रहे हो, इस भर्ती के लिए जरूर कोशिश  करें। इस भर्ती में कोई भी बच्चा जो कि न्यूनतम आठवीं पास है जा सकता है। यह  एक बहुत अच्छा मौका है बस्तर के बच्चों के लिए एक अच्छी इज्जतदार नौकरी पाने का तो जो भी बच्चा भर्ती के मापदंडों को पूरा करता हो वह जरूर इसके लिए आवेदन करें। स्वयं नौसेना में सेवा दे चुके कमांडर संदीप ने इस भर्ती के लिए किसी भी बच्चे को या उनके अभिभावकों को या जिला प्रशासन को किसी भी प्रकार की जरूरत पड़ने पर आवेदन फॉर्म भरने से लेकर आवश्यक डॉक्युमेंट्स के बारे में हो या शारीरिक तैयारी करवाने के बारे में हो या लिखित परीक्षा की तैयारी करवाने के के संदर्भ में पूरी मदद करने की बात कही है। फ़िलहाल ओल्ड भट्टी रोड, जगदलपुर स्थित इएचसीएच पॉलीक्लिनिक में प्रभारी अधिकारी के तौर पर पदस्थ श्री मुरारका ने अंत में कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों से चाहे वह रोजगार कार्यालय में हो चाहे हमारे जिलाधीश हो या हमारे डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर हो या शिक्षा विभाग से हो या पुलिस विभाग से हो मैं सब लोगों से अनुरोध करूंगा कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इस भर्ती के बारे में जानकारी दी जाए और कोशिश की जाए कि ज्यादा से ज्यादा योग्य उम्मीदवार इस भर्ती का फॉर्म भरे और सेना में जाने की कोशिश करें। यह बस्तर जिले के विकास और भविष्य के लिए अच्छा होगा।