बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा में आत्मनिर्भरता का नया दौर

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दीपक के उजाले में सब कुछ उजला- उजला

(अर्जुन झा)

जगदलपुर। बस्तर का ऐतिहासिक दशहरा आत्मनिर्भर हो गया है। दीपक के उजाले में सब कुछ उजला उजला दिख रहा है। आज दुनिया के इस सबसे बड़े दशहरा समारोह की समापन बेला में आयोजित मुरिया दरबार में छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल की मौजूदगी में जब भव्यतम और सुव्यवस्थित बस्तर दशहरा का उल्लास चर्मोत्कर्ष पर है,

तब बस्तर के चप्पे चप्पे से पधारे लाखों बस्तरियों के साथ ही प्रदेश, देश और विदेशों से दशहरा देखने आये पर्यटकों के बीच यह चर्चा है कि बस्तर दशहरा समिति ने इस आयोजन को अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में जिस तन्मयता से सम्पन्न किया है, वह अद्भुत है। बस्तर सांसद दीपक बैज के दशहरा समिति अध्यक्ष बनने के बाद बस्तर दशहरा आत्मनिर्भर हो गया है।

सर्वाधिक समय तक चलने वाले इस विराट धर्मायोजन में सारी व्यवस्थाएं समिति ने की हैं।कहीं भी किसी भी तरह का कोई भी भुगतान बाकी न होना बस्तर दशहरे की आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। यह विशिष्ट उपलब्धि समिति के अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज और समिति के सभी सहयोगियों के समन्वित प्रयास का प्रतिफल है। अब बीते 3 वर्षो से बस्तर दशहरा पर कोई व्यवस्थागत व्यय भुगतान शेष नहीं है। सांसद दीपक बैज हर पूजा विधि विधान और सभी आयोजनों में अपना शत प्रतिशत योगदान देते हैं और हर रस्म में उपस्थित रहते हैं। उनके अध्यक्ष बनने के बाद काछन गुड़ी एवं रैला माता गुड़ी, जिया डेरा का जीर्णोधार हुआ है। इनके कार्यकाल में रथ बनाने के लिए जो लकड़ियां लाई जाती हैं, उनकी क्षतिपूर्ति के रूप में 1000 पेड़ लगाए जाते हैं। 2 वर्ष कोरोना काल चुनौती भरा था। परंतु उसमें भी निर्विघ्न रूप से दशहरा मनाने में सांसद दीपक बैज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इनके कार्यकाल में मांझी चालकी, मेंबर, मेंबरीन, मुंडाबाजा, जोगी, रथ बनाने वाले कारीगर एवं अन्य सेवादारों का वेतनमान बढ़ा है। जिसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सहयोग प्राप्त हुआ। साज सज्जा भव्यता के साथ 3 वर्षों से बस्तर दशहरा मनाया जा रहा है। जिससे इस विश्वविख्यात दशहरे की ख्याति को चार चांद लग गए हैं। जहां तक बस्तर सांसद दीपक बैज की सक्रियता की बात है तो उनकी ऊर्जा का प्रकाश सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्र में समान रूप से फैला हुआ है। संसद में बस्तर, छत्तीसगढ़, आदिवासी, किसान हित में बुलंद आवाज उठाने वाले सांसद दीपक बैज मैदानी संघर्ष में भी विशेष छाप छोड़ते हैं और जनहित, क्षेत्रहित और राज्यहित में समर्पण ऐसा कि विपरीत विचारधारा की केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी अपनी धरती के विकास के लिए परियोजनाएं मंजूर करा लेते हैं। व्यवहार ऐसा कि राजनीति से ऊपर उठकर हर किसी का दिल जीत लेते हैं और श्रेय की राजनीति से परे हर उस शख्सियत को मान सम्मान और कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं, जो बस्तर और छत्तीसगढ़ का भला करने में सहयोग करे। अपने नेता भूपेश बघेल की भावना को संसद में स्वर देने वाले दीपक बैज बस्तर के विकासदूत बन गए हैं।