सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न

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डॉ एस वली आज़ाद – नारायणपुर, 29 अगस्त, 2021

छ ग सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष भारत सिंह के अध्यक्षता में सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में राज्य के कुछ जिले में आर्थिक नाकेबंदी करने की ख़बर को खंडन किया गया। छ ग सर्व आदिवासी समाज ने आर्थिक नाकेबंदी करने का कोई निर्णय नहीं लिया है। कुछ राजनीतिक महत्वाकांक्षी लोग जो अवैधानिक तरीके से अपने आप को सर्व आदिवासी समाज के स्वमं-भू अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, सचिव घोषित कर लिये हैं, वही लोग समाज को गुमराह कर रहे हैं। समाज को ऐसे लोगों से सचेत रहने के लिए अपील की गई। ये वे लोग हैं जिन्हें समाज के खर्चे औऱ समाज के आड़ में 2023 का चुनाव लड़ना है, ये सभी लोग किसी न किसी राजनैतिक पार्टी से जुड़े भी है लेकिन जब पद में थे तब कुछ नहीं किये।

बैठक में माननीय प्रांताध्यक्ष ने बताया कि गत दिवस छ ग सर्व आदिवासी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने उनके नेतृत्व में माननीय मुख्यमंत्री जी से विभिन्न मांगों को लेकर मुलाकात हुई थी। इसके पूर्व जून औऱ जुलाई में भी जिला पदाधिकारियों (विशेषकर बस्तर संभाग) की मुख्यमंत्री जी के साथ सभी 13 मांगो पर विस्तार से चर्चा हुई। जल जंगल जमीन के हक़ के बारे में मुख्यमंत्री जी ने बताया कि उनकी सरकार आदिवासियों को ये अधिकार दे दिया है। राज्य में आदिवासी क्षेत्रों के अब तक लगभग 3000 ग्राम सभाओं को उससे जुड़े आदिवासी समूहों को 11 लाख हेक्टेयर वनों को सामुदायिक वन संशाधन अधिकार दिया गया है, यह प्रक्रिया जारी है। इन वनों से होने वाले आय आदिवासियों की है, इससे समाज को अच्छा लाभ मिल रहा है। वे वन विभाग को निर्देशित भी किये है कि इन वनों में ज्यादा से ज्यादा फलदार औऱ औषधि पेड़ लगाये ताकि भविष्य में आमदनी में बढ़ोतरी हो। कई वनोपजों को Minimum Support Price (MSP) के दायरे में लाया गया है। इसी प्रकार आदिवासी समाज के देवस्थल औऱ आस्था के केंद्र देवगुड़ी को पक्का निर्माण करके संवारा जा रहा है। अभी तक लगभग 3200 देवगुड़ी के काम को पूर्ण किया जा चुका है। इसी प्रकार आदिवासी समाज के संस्कृति को संरक्षित औऱ संवर्धन करने के लिए विलुप्त हो रहे गोटुल प्रथा को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए सर्व आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिये। मुख्यमंत्री जी ने इस बात पर चिंता व्यक्त किया कि हमारे बस्तर संभाग के इंजीनियरिंग, ITI या कॉलेज पास, कम्प्यूटर में प्रशिक्षित आदिवासी बच्चे रोजगार की तलाश में विशाखापत्तनम, हैदराबाद, मुंबई सहित दक्षिण भारत जा रहे हैं। इसलिए वे विचार कर रहे हैं कि इनके लिए बस्तर में ही रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए बड़े उद्योग नहीं बल्कि छोटे छोटे उद्योग लगाया जाय और इन उद्योगों को सरकारी जमीन पर लगाया जाय।

पेशा कानून लागू करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी ने बताया कि विभागीय मंत्री जी ने आदिवासी क्षेत्रों में समाज के साथ बैठक कर चुके हैं और जल्द ही रिपोर्ट पेश की जायेगी।

पदोन्नति में आरक्षण के मामले में क्वांटिफिएबल डाटा इकट्ठा करने के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट जल्द प्राप्त होने की बात बताई और इस पर त्वरित कार्यवाही करने आश्वश्त किया गया।

छात्रवृति की आय सीमा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाने के विषय पर मुख्यमंत्री जी ने बताया कि यह केंद्र सरकार का मामला है इसलिए इसे बढ़ाने के लिए वे केंद्र सरकार को दो बार चिठ्ठी लिख चुके हैं। अब तीसरी बार औऱ लिखेंगे। मुख्यमंत्री जी के इस प्रयास के लिये सर्व आदिवासी समाज ने आभार व्यक्त किया।

प्रांतीय कार्यकारिणी की आज की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हमारे संवैधानिक अधिकार जो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से प्रभावित हो रहे हैं उसे दृढ़ता से लड़ा जाय।